रचनाकार चोवाराम वर्मा ‘बादल’ कवि परिचय नाम श्री चोवाराम वर्मा “ बादल “ पिता स्व. श्री देवfसंग वर्मा जन्मतिथि 21मई सन् 1961 जन्म स्थान ग्राम कुकराचुंदा, जिला – बलौदाबाजार,छ.ग. शिक्षा एम.ए. हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र साहित्य सृजन 1984 से निरंतर विधा काव्य,कहानी,एकांकी भाषा हिन्दी,छत्तीसगढ़ी प्रकाशित कृतियां रउनिया जड़काला के अप्रकाशित कहानी संग्रह हिन्दी अप्रकाशित एकांकी संग्रह हिन्दी अप्रकाशित काव्य संग्रह हिन्दी सम्प्रति व्याख्याता, उच्च. माध्य. विद्यालय केसदा जिला – बलौदाबाजार (छ.ग.) मो.नं. – 9926195747 कोन मेर का हे 1- गनपति गनेश 2- गुरू वंदना 3- गुनत रइथौं न 4- वाह…
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=वाह रे चुनाव=
वाह रे चुनाव तोर बुता जतिच नाव। जब ले तंय आए हच,होगे काँव काँव। भाई संग भाई ल तंय हा,लड़वा डरे जनम भर के मित मितानी,छिन भर म मेंट डरे। जेती देखबे उहि कोती हाबय हांव हांव।वाह रे चुनाव———– छल करे अइसे सबला,बनादेच लबरा गैरि कस मता डरे,पारा पारा झगरा। काट डरे मया रुख कांहाँ मिलही छांव।वाह रे चुनाव——– निसरमी बना डरे सब ला,भिखारी घुमा डरे हांथ जोरे ए दुवारी वो दुवारी। खियाजहि मांथा घलो परत परत पांव।वाह रे चुनाव——— डोकरी दाई के फरमाइस,लुगरा चाही उंचहा डोकरा बबा खाहौं कथे…
Read Moreवाह रे मनखे के मन =2=
मन माछी उड़ी उड़ी खोजे घाव राजा जइसे खोजे दांव सब काट डरे धरम रुखुवा कहाँ ले पाबे मया के छांव न तिरथ करे न गए मंदिर दूनो गोड़ संचरगे हांथी पांव पर ल रोवत देख हंसे मनखे चिन्ह चिन्ह करे नीयाव नजर गड़े कोटना जूठा बइठ बरेंडी करे काँव काँव हपटे गिरे ल उठाये नहीँ करे उदीम काला गिरांव तोर चाल बड़ा तिर्छन्डि रे फेंके पासा शकुनी के दांव रचे उदिम आनी बानी “बादल”सरबस कइसे खांव। –चोवा राम वर्मा बादल
Read Moreवाह रे मनखे के मन
वाह रे मन तोर महिमा अपरम्पार। कभू बुडोथच बीच भंवर म कभू नहकाथच पार। तहीं बांध मुसकी बंधना म भवसागर म देथच डार। घर दुवार दुनिया दारी के लमा डरथच बखरी के नार। कभू गुड के गुरतुर भेला कभू नून डल्ला सक्खार। बन बैपारी करे दुकानी तैं भरे तिजोरी कांटा मार। छल कपट ल छूट म बेंचे चारी चुगरी उपराहा डार। खांटी जिनीस के पिटे ढिंढोरा चना म मिंझेरे बटूरी दार। सत ईमान के लिखना टांगे “बादल ” मारे लबारी मुसकीढार। चोवा राम वर्मा बादल नाम- चोवा राम वर्मा”बादल” पता-…
Read Moreकहिनी – जुड़वा बेटी
जसोदा ल होस आगे। संघरा दू दू नोनी के महतारी बने के खुसी म जम्मो दु:ख, पीरा ल भुलाके हांस-हांस के गोठियाए ल धर लीस। वो बेचारी ल का पता द्वापर जुग के यसोदा माता जइसे येमा के एक झन लईका के महतारी ओहा नोहय। सच्चाई ह तो नोहर अउ परमपिता परमेश्वर के छाती म दबके रहिगे। तीन चार दिन के चहल-पहल अउ उछाह के पाछू नोहरसिंग के घर आज के रतिहा हा सांय-सांय करत हे। बर्तन-भाड़ा अउ समान मन येती-वोती जतर-कतर परे हे। ईंकर बटोरा करईया घर मालकिन जशोदा…
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