मानुस जोनी के मानवता संगी अब कहा गवांगे रे मीठ मदरस कस गुरुतुर बोली अब कहा नंदागे रे ज्ञान के गठरी बांधे के दिन म लगे हे लिगरी चारी म ताव देखावत हे सब मनखे अपन अपन हुशियारीम अब्बड़ सुग्घर मानुस चोला धरम करम कमाए बर बने बने सुख सुम्मत के गोठ हिरदे म समाये बर कुसंग के रददा म जम्मों झन रेंगे सतमारग ल भुलागे रे मानुस जोनी के मानवता संगी अब कहा गवागे रे अधरम के ठीहा ल जम्मों झिन फलकावत हे नानकुन बात म अब लाल आँखी…
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हमर संस्कृति हमर पहिचान
संगवारी हो, हमर हरियर पतित पावन भुइया छतीसगढ़ हवय।महतारी के मयारू कोरा म हमर कला अउ संसकिरीति के पालन पोषण होवत हवय। धान के कटोरा हमर छत्तीसगढ़ के कला अउ संसकिरीति के दुरिहा दुरिहा म पहिचान हवय। हमर छतीसगढ़ के संसकिरीति ह पूरा भारत देश म सबले जादा धनवान संस्कृति के हवय। हरियर भुइया हमर छतीसगढ़ के जतका मीठ संसकिरीति हवय ओतके मीठ हमर गुरुतर भाखा छतीसगढ़ी हवय। करमा ददरिया सुवा पंथी कोन जनि कब ले आगास म गुनंजत् हे उही ला हमर पुरोधा कलाकार मन सहेज के राखे हे।…
Read Moreकोठार देवता के पूजा
संगवारी हो, हमर छत्तीसगढ़ राज ह धान कटोरा धानी राज आय। कला धरम संसकिरिति अउ बहुत अकन रीति रिवाज ह हमर धनी भुईया के चन्दन कस म समाये हे। हमर भईया के गोटी माटी ह किसान मन के मेहनत अउ जागर टोर कमाई ले सोना हीरा जइसे कीमती रतन बन जाथे। तेखरे सेती हमर भुइया ल रतनगरभा भुईया कहें जाथे। धान के कटोरा छतीसगढ़ म किसान मन अपन करम अउ जांगर के चलत ले खेत खार म धान अउ गहु ल उपजाथे। अउ पूरा छतीसगढ़ म सबो तिहार सबो रीतिरिवाज…
Read Moreकला ले खिलवाड़
संगवारी हो, हमर हरियर पतित पावन भुइया छतीसगढ़ हवय।महतारी के मयारू कोरा म हमर कला अउ संसकिरीति के पालन पोषण होवत हवय। धान के कटोरा हमर छत्तीसगढ़ के कला अउ संसकिरीति के दुरिहा दुरिहा म पहिचान हवय। कहे जाथे की हमर छतीसगढ़ के संसकिरीति ह पूरा भारत देश म सबले जादा धनवान संस्कृति हवय। हरियर भुइया हमर छतीसगढ़ के जतका मीठ संसकिरीति हवय ओतके मीठ हमर गुरुतर भाखा छतीसगढ़ी हवय। करमा ददरिया सुवा पंथी कोन जनि कब ले आगास म गुजत् हे उही ला हमर पुरोधा कलाकार मन सहेज के…
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