किसान के पीरा

बढ़िया पानी पाके किसान मन अपन काम काज के सिरी गनेस कर दे हें। समेसर घलव खुसी-खुसी बिहनिया ले खेत आ गे हवय, रोपा चलत हे। समेसर कमिया मन ल देखत खेत म खड़े रहिस के अचानक ओकर धियान ओकरे तीर म मार फन फइलाये, बिजरावत बइठे नाग देवता उप्पर चल दिस। समेसर सांप सूंघे कस खड़े होगे। नागदेवता से ओकर नजर मिलिस त ओ ह अउ फुस्सsssss करके ओला डरवा दिस। समेसर के आँखि म एक ठन समाचार झूले लगिस जेन ल ओ दुये चार दिन पहिली पढ़े रहय…

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