बड़ मयारू हच मोर बहिनीतोला तीजा लेहे बर आहू आं,सावन म तोर घर म जाकेराखी मैं बंधवाहूं ओभादो म तिहारिन बहिनीभाई के घर म आबेससरार के जम्मो सुख-दुख लमइके म गोठियाबेदाई के मया के मोटराधर के तोर बर लाहू ओ,बड़ मयारू हच मोर बहिनीतोला तीजा लेहे बर लाहू ओपढ़त-लिखत होही घर म नाचत रहि नाचाममा-ममा चिल्लावत आहीमोर भांची अऊ भांचाभांची-भांचा दूनो झन बरकपड़ा मैं बिसाहूं ओबड़ मयारू हच मोर बहिनी तोला तीजा लेहे बर आहूं ओबारा महीना म एक बार आथेतिहार में तीजा-पोरा,भाई-बहिनी के मया के गठरीअऊ महतारी के कोरा॥तीजा…
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- Devendra Kumar Kashyap