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Dhar
कविता
गोठ बात
छत्तीसगढ़ ला जनम दिन के बधई
अपन चुनर म जड़ एक नवा सितारा ले। अउ बछर भर मन भरके तैं इतरा ले।। कतको ऑंखी देख तोला…
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10 years ago