Dharmendra Nirmal

छत्तीसगढ़ महिमा

रंग ले रंग जिनगानी छत्तीसगड़ के भाए अबड़ के पानी बानी अउ कहानी रंग ले रंग जिनगानी बड़का बड़का हावय… Read More

9 years ago

सरग म गदर

बिसनू लछमी के सादी के सालगिरह रहय।उन दोनो सरग म बइठे बिचार मगन रहिस हे। बिग्यान के परगति कहव के,… Read More

9 years ago

नकाब वाले मनखे

अभीन के समे हॅ बड़ उटपटॉग किसम के समे हे। जेन मनखे ल देख तेन हॅ अपन आप ल उॅच… Read More

9 years ago

अब लाठी ठोंक

चर डारिन गोल्लर मन धान के फोंक । हकाले म नइ मानय अब लाठी ठोंक ।। जॉंगर चलय नही जुवारी… Read More

9 years ago

बिमोचन – पुरखा के चिन्हारी

श्री प्यारे लाल देशमुख जी के तीसरइया काव्य कृति हरे पुरखा के चिन्हारी। जेमा कुल जमा डेढ़ कोरी रचना समोय… Read More

9 years ago

सरद्धा

बिहिनिया -बिहिनिया जुन्ना पेपर ला लहुटा - पहटा के चांटत - बांचत बिसाल खुरसी म बइठे हे। आजे काल साहर… Read More

10 years ago

का आदमी अस

अपन भासा के बोल न जाने, अपन भासा के मोल न जाने। जनम देवईया जग के पहिली, मॉ सबद के… Read More

10 years ago

बाढ़ ले आये बढ़वार

असाड़ बुलक गे सावनों निकलइया हे लपरहा बादर हा घुम घुम के भासन दे दे के रहि गे। बिजली घलो… Read More

10 years ago

गुरू अउ सिस्य के संबंध

गुरू ह मुक्ति के दुवार होथे त सिस्य ह मुक्ति दुवार के तोरन - धजा, बंदनवार होथे। मुक्ति के दुवार… Read More

10 years ago

बरखा गीद

बेलबेलहीन बिजली चमकै बादर बजावै मॉंदर घूमके नाचौ रे झूम झूमके मात गे असढ़िया हॅ, डोले लागिस रूख राई भूंइया… Read More

10 years ago