Dharmendra Nirmal

कहॉं जाबो साहर

कहॉं जाबो साहर काबर जाबो साहर मिहनत पूजा गॉंव इस्सर भूईया सरग हमर पेरके जॉंगर पीबोन पसिया करम के डारा झर्राबो… Read More

10 years ago

बड़े दाई

होवत बिहनिया गांव सन्न होगे, बड़े दाई नई रहीस सुनके मोर माथा सुखागे। बड़े दाई के सांवर चेहरा, लटी बंधाये पोनी… Read More

10 years ago

बियंग : रचना आमंतरित हे

ए खभर ल सुनके कतको अनदेखना इरखाहा मन के छाती फटइया हे। हमन बड़ गरब गुमान से सूचित करत हावन… Read More

10 years ago