हिन्दी साहित्य के अकास म आज ले लगभग सवा छै सौ साल पहिली एक अइसे नक्षत्र के उदय होय रिहिस जेला हमन कबीरदास के नाँव ले जानथन। कबीरदास जी कवि ले बढ़के एक समाज सुधारक रिहिन। जउन सोझ-सोझ अउ खर भाखा म बात केहे के बावजूद हिन्दू अउ मुसलमान दुनो के बीच समान रूप म लोकप्रिय होइन अउ आजतक ले हवँय। ऊँखर पूरा जीवन विवाद के चादर म लपटाय मिलथे। कबीरदास जी के माता-पिता अउ जनम के बारे म निश्चित ढंग ले कुछ कहना संभव नइ हे। कोनो कहिथे के…
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छत्तीसगढ़ी भाषा का मानकीकरण : कुछ विचार
डॉ. विनय कुमार पाठक और डॉ. विनोद कुमार वर्मा की पुस्तक ‘छत्तीसगढ़ी का संपूर्ण व्याकरण’ पढ़ने को मिली। इसमें देवनागरी लिपि के समस्त वर्णों को शामिल करने की पुरजोर वकालत की गई है। यह भी ज्ञात हुआ कि डॉ. वर्मा और श्री नरेन्द्र कौशिक ‘अमसेनवी’ की पुस्तक ‘ छत्तीसगढ़ी का मानकीकरण : मार्गदर्शिका’ भी शीघ्र प्रकाशित होने वाली है। यहाँ मैं ‘छत्तीसगढ़ी का संपूर्ण व्याकरण’ पुस्तक पर अपने कुछ सवाल और विचार रखना चाहता हूँ। क्या व्यक्तिवाचक संज्ञा के लिए ही देवनागरी लिपि के सभी वर्णों को स्वीकार किया गया…
Read Moreदिनेश चौहान के छत्तीसगढ़ी आलेख- सेना, युद्ध अउ सान्ति
हमर देस के जम्मू कास्मीर राज के पुलवामा जिला म 42 ले जादा जवान के शहीद होय के बाद पूरा देस म सेना अउ युद्ध के चर्चा छिड़े हे। पूरा देस जानथे के भारत म होने वाला जम्मो आतंकवादी हमला म पाकिस्तान के हाथ हे। पाकिस्तान हमर वो पड़ोसी देस हरे जउन आजादी के पहिली भारत के हिस्सा रिहिस। अंगरेज मन हरदम फूट डाल के राज करिन अउ जावत-जावत देस के दू टुकड़ा कर दिन। ये बँटवारा धरम के नाँव ले के करे गिस। बँटवारा के बाद दुसमनी खतम हो…
Read Moreयुवा दिवस 12जनवरी बिसेस
“उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत” “उठव, जागव अउ लक्ष्य पाय के पहिली झन रुकव” भारत भुँइया के महान गौरव स्वामी विवेकानंद के आज जनम दिन हरय। स्वामी जी के जनम 12 जनवरी सन् 1863 के कलकत्ता (अब कोलकाता) म होय रिहिस। ऊँखर पिताजी के नाँव बाबु विश्वनाथ दत्त अउ महतारी के नाँव सिरीमती भुवनेश्वरी देवी रिहिस। ऊँखर माता-पितामन ऊँखर नाँव नरेन्द्रनाथ रखे रिहिन। बचपन ले ही नरेन्द्रनाथ धार्मिक सुभाव के रिहिन। धियान लगाके बइठे के संस्कार उनला अपन माताजी ले मिले रिहिस। एक बार नरेंद्र एक ठी खोली म अपन संगवारी…
Read Moreनिर्वाचन आयोग ल छुट्टी खातिर आवेदन पत्र
सेवा में, सिरीमान मुखिया निर्वाचन आयुक्त महोदय, भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली। बिसय : विधानसभा चुनाव मतगणना के दिन सार्वजनिक छुट्टी घोसित करे बाबत। महोदय जी, बिनती हवय के आपके आयोग ह मतदान के दिन सार्वजनिक छुट्टी के घोसना करथे। इही किसम ले मतगणना के दिन घलो सार्वजनिक छुट्टी के घोसना होना चाही। काबर के मतदान म तो एक मनखे ल जादा ले जादा आधच घंटा लगथे फेर मतगणना पूरा दिनभर के कार्यक्रम होथे। लोकतंत्र म चुनाव ले बड़े अउ कोनो महापरब नइ होवय। मतगणना के दिन ये महापरब के…
Read Moreअपने घर म बिरान हिंदी महिना
हमर देस म आजकल हिंदू अउ हिंदू संस्कृति के अब्बड़ चिंता करे जावत हे। साहित्यकार अउ संस्कृति करमी मन नंदावत रीत-रिवाज अउ परंपरा के संसो म दुबरात जावत हे। फेर एक ठन बिसय अइसे हे जेकर डाहन काखरो धियान नइ गे हे तइसे लगथे। वो बिसय हे हिंदी महिना अउ तिथी। हिंदी महिना के ज्ञान प्रायमरी कक्छा म देय के औपचारिकता के बाद कोनो मनखे ल हिन्दी महिना अउ तिथी के चिंता करे के सुध नइ राहय। आज कोनो भी अच्छा पढ़े-लिखे आदमी ल हिंदी महिना अउ तिथी बताय ल…
Read Moreभगवान संग नता-रिस्ता- छत्तीसगढ़ के खास पहिचान आय
हर जघा, देस, प्रदेस अउ छेत्र के कोई न कोई खास पहिचान होथे। हमर प्रदेस छत्तीसगढ़ के घलो अइसे कई ठी पहिचान हे। जेमा छत्तीसगढ़ के मंदाकनी महानदी , छत्तीसगढ़ के प्रयाग राजिम, छत्तीसगढ़ के संस्कृति, छत्तीसगढ़ के परंपरा अउ रीति-रिवाज, छत्तीसगढ़ के मान्यता, छत्तीसगढ़ के तिरिथ-धाम जइसे जुन्ना पहिचान के नांव गिनाय जा सकथे तो छत्तीसगढ़ के एक नवा पहिचान राजिम कुंभ मेला ल माने जा सकथे। जिहाँ तक मानता के बात हे छत्तीसगढ़ मानता के मामला म घलो बहुत बड़हर हे। एक ठी प्रसिद्ध मानता हे के छत्तीसगढ़…
Read Moreभारतीय संविधान अउ महतारी भाखा
गणतंत्र दिवस के तिहार हमर पूरा देस म हमर देस के स्वतंत्र संविधान लागू करे खुसी म हर बछर 26 जनवरी के दिन मनाय जाथे। संविधान के मतलब होथे देस म सासन चलाय के नियम-कानून। हमर देस के कानून अउ सासन बेवस्था हमर संविधान म दर्ज धारा, अनुच्छेद अउ अनुसूची के मुताबिक चलथे। जब संविधान लागू हो चुके हे तौ वोमा लिखाय हर बात के पालन घलो होना चाही। आपमन ल ये जान के ताज्जुब होही के संविधान के अनुच्छेद 350 (क) म लिखाय बात के पालन हमर छत्तीसगढ़ राज…
Read Moreपीरा ल कइसे बतावंव
आजकल फेसबुक, वाट्सअप अउ दुनियाभर के सोसल मीडिया म एक ठी नवा चलागन चले हे। आइ ए एस परीक्षा म पूछे गे सवाल- सही उत्तर बताय म 99% फैल। कुछ भी अंते-तंते सवाल रथे बिगन मुड़ी पुछी के। तभो ले मोबाइल के दीवाना मन दिन-रात उही म भिड़े रइथे। फेर मैं जेन सवाल ल पूछत हौं तेकर जवाब देय बर सेंट परसेंट फैल हो जही। सवाल हे- “अइसन कोन सा काम हवय जेला मास्टर मन नइ कर सकय?” उत्तर बताने वाला म सेंट परसेंट के फैल होना पक्का। ए तीर…
Read Moreदिनेश चौहान के गोहार : महतारी भाखा कुरबानी मांगत हे
हमन छत्तीसगढ़़ के रहइया हरन। छत्तीसगढ़िया कहाथन। वइसे हमर प्रदेस म कई ठी बोली बोले जाथे। छत्तीसगढ़ी, हलबी, भतरी, कुडुख, सरगुजिहा, सदरी, गोंड़ी आदि आदि। फेर छत्तीसगढ़ी बोलने वाला जादा हवंय। जब छत्तीसगढ़़ के भासा के बात आथे तौ छत्तीसगढ़ी के नांव ही आगू आथे। इही पाय के छत्तीसगढ़ी ल छत्तीसगढ़़ के राजभासा बनाय गे हे। अब ए तीर एक ठी सवाल उठथे, ये बात ल जानथे कतका झन? मोर आप मन से इही सवाल हे के आज ले पहिली ये बात ल कतका झन जानत रेहेव? सरकार छत्तीसगढ़ी ल…
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