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गीत

पारंपरिक छत्‍तीसगढ़ी सोहर गीत

यशोदा से देवकी कहती है कि ‘नून-तेल’ की उधारी होती है, पैसे की भी उधारी होती है, बहन किन्‍तु अपने कोख की उधारी नहीं होती.. विधन हरन गन नायक, सोहर सुख गावथंव। सातो धन अंगिया के पातर, देवकी गरभ में रहय वो, बहिनी, विघन हरन गन नायक, सोहर सुख गावथंव। साते सखी आगे चलय, साते […]