सुरुज किरन छरियाए हे

तैंहर उचिजाबे गा, सुरुज किरन छरियाए हे। अब नइये बेरा हर, सुत के पहाये के अब नइये बेरा अंटियाये के अब नइये बेरा हर ऊँघाये सुरताये के आये हे बेरा हर कमाये के आँखी धो लेबे गा, चिरगुन मन पाँखी फरकाये हे। झन तैं बिलमबे उतारे बर नांगर ला जऊने खोंचाये हे काँड मन मां झन तैं बिलमबे धरे बर तुतारी ला जऊने धराये हे बरवंट मां तैंहर धरि लेबे गा, खुमरी ला, बादर अंधिंयारे हे। लकर लकर रेंग देबे खेत कोती तैंहर भुइया तोर रद्दा ला जोहत हे बइलन…

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वन्देमातरम् : महूं पांवे परंव तोर भुँइया

जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मँइया अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार इँदिरावती हा पखारय तोर पइयां महूं पांवे परंव तोर भुँइया । जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मइया ।। सोहय बिंदिया सहीं घाटे डोंगरी पहार चंदा सुरूज बनय तोर नैना सोनहा धाने के अंग लुगरा हरियर हे रंग तोर बोली हावय सुग्घर बैना अंचरा तोर डोला वय पुरवइया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मइया रयगढ़ हावय सुग्घर तोरे मउरे मुकुट सरगुजा अउ बिलासपुर हे बंइया रयपुर कनिहा सही घाते सुग्गर फबय नांदगांव दुरूग करधनिया अँचरा तोर डोलावय पुरवइया…

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