तैंहर उचिजाबे गा, सुरुज किरन छरियाए हे। अब नइये बेरा हर, सुत के पहाये के अब नइये बेरा अंटियाये के अब नइये बेरा हर ऊँघाये सुरताये के आये हे बेरा हर कमाये के आँखी धो लेबे गा, चिरगुन मन पाँखी फरकाये हे। झन तैं बिलमबे उतारे बर नांगर ला जऊने खोंचाये हे काँड मन मां […]
Tag: Dr.Narendra Dev Verma
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मँइया अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार इँदिरावती हा पखारय तोर पइयां महूं पांवे परंव तोर भुँइया । जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मइया ।। सोहय बिंदिया सहीं घाटे डोंगरी पहार चंदा सुरूज बनय तोर नैना सोनहा धाने के अंग लुगरा हरियर हे रंग तोर बोली हावय सुग्घर बैना […]