आजकल पढैया लैक मन बर ज़रूरी होगे हवय ट्यूसन, कारकि अब सिक्षा के क्षेत्र मा घलो बढ गेहे कांपिटिसन, हम तो अलवा जलवा गुटका ला पढ के पास होय रेहेन, वो समय तो कक्षा म चिलम चढा के आवय सिक्षक मन्, अब के स्कूल डिसीप्लीन ला बड़ महत्व देथे,साथे साथ, हर बछर उमन फ़ीस ला बढावत जावत हवय दनादन, अउ उही मन कहिथे कि नंबर पाना है तो ट्यूसन पढव, हमर से ट्यूसन पढहू तभे परीक्षा म पा सकहू नंबर वन। पर इंखर ट्यूसन फ़ीस हा स्कूल के फ़ीस से…
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सेन्ट्रल वर्सेस स्टेट
का फ़रक हवय सेन्ट्रल अउ रज्य सरकार के नौकरी म, एक आफ़िस महल कस,दुसर चलथे निच्चट झोपड़ी म। सेन्ट्रल वाले मन ला अपन तन्खा उप्पर अभिमान होथे, पर स्टेट वाले मन बर तन्खा केवल एक अनुदान होथे। सेन्ट्रल म काम के समय दस से छय कड़ाई से लागू होथे, स्टेट् कार्यालय म असली काम हा छय के बाद चालू होथे। सेन्ट्रल म बाबू बाबू होथे अउ अधिकारी हा अधिकारी होथे, राज्य सरकार म बाबू मन अधिकारी मन उप्पर भारी होथे। सेन्ट्रल म सीएल लेवब म कर्मचारी के प्राण निकल जाथे,…
Read Moreडॉक्टर दानी के बानी
( नगर निगम चुनाव) बस दु महीना बाद होवय्या हे हमर प्रदेस म निगम के चुनाव, तेन ला जीते बर रमन हा नवाकार्यक्रम बर मांगत हे सुझाव्। में हा जनता डहार ले उनला चुनाव जीते के तरीका बतावत हवं, सबले पहली प्रसासनिक खर्चा ला कम करव कीके समझावत हवं। अब सरलाता से बनना चाही जनता के जम्मो सरकारी सर्टिफ़िकेट, तभे, चुनाव म बच पाही रमन सिंग के कमजोरहा टीम के विकेट। अउ साथे साथ म रजिस्ट्री आफ़िस के फ़ंक्सनिंग ला घलो सुधारव, एके जमीन के रजिस्ट्री के कागज ला दसो…
Read Moreडॉ. संजय दानी के छत्तीसगढ़ी गजल
होगे फ़ागुन हा सर पे सवार ‘जोहार ले जोहार ले जोहार। नरवा खलखल हांसत है,नवा नवा फ़ूटत है धार्।(जोहार ले – – – – बरदी के सुत गे गोसैया,सन्सो में हवय खेत खार। जोहार ले – – – – दिल हा चना के जवान है,औ राहेर लगत हे कचनार। जोहार ले- – – – धान के कोनो पुछैया नाही,औ खड़े है चना के खरीदार। जोहार ले – – – अमली के सा्ड़ी हा सरकत है,औ लहकत हे आमा के डार। जोहार ले कोड़ही मन हा फ़ाग सुनावत।गोल्लर मन फ़ांदव दीवार…
Read Moreहोली गीत
होगे फ़ागुन हा सर पे सवार ‘ जोहार ले जोहार ले जोहार। नरवा खलखल हांसत हे, नवा नवा फ़ूटत हे धार।(जोहार ले – – – – बरदी के सुत गे गोसैया, सन्सो में हवय खेत खार। जोहार ले – – – – दिल ह चना के जवान हे, अउ राहेर लगत हे कचनार। जोहार ले- – – – धान के कोनो पुछैया नही, अउ खड़े हे चना के खरीदार। जोहार ले – – – अमली के साड़ी हा सरकत हे, अउ लहकत हे आमा के डार। जोहार ले – – –…
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