Dr.Satyabhama Aadil

लइका मन मं पढ़इ लिखइ के सउख कइसे बाढ़य?

बहिनी मन, ए तो तुमन जानत होहु कि लइका मन हमर देस के भविष्य ल संवारथे। लइका मन के सउख… Read More

2 months ago

रमिया केतकी के कथा – सत्यभामा आड़िल

एक रहिस रमिया। एक रहिस केतकी। दूनों एके महतारी के बेटी रिहीन। खारुन नदिया ले चार कोस दूरिहा रक्‍सहूं बूड़ती… Read More

2 months ago

लहरागे छत्तीसगढ़ी के परचम

आखिर लहरागे छत्तीसगढ़ी के परचम। छत्तीसगढ़ी भासा ल राजभासा के रूप म आखिरी मुहर लगाय बर बाकी हे। अऊ विदेस… Read More

15 years ago

हाय रे मोर मंगरोहन कहिनी – डॉ. सत्यभामा आड़िल

बीस बछर होगे ये बड़े सहर मं रहत, फेर नौकर-चाकर मिले के अतेक परेसानी कभु नई होईस। रईपुर ह रजधानी… Read More

15 years ago

सीला बरहिन नान्हें कहिनी – सत्यभामा आड़िल

सीला गांव ले आय रिहिस, त सब ओला सीला बरहिन कहांय। अपन बूढ़त काल के एक बेटा ल घी-गुड़ खवावय,… Read More

15 years ago