जइसे उनखर दिन फिरिस

आज के बैवस्था ल देख ले गुस्साये मय बडबड़ात रहेव तभे मुस्टी आगे, कइथे का होगे म? कुछु नई मुस्टी, सासन, परसासन के बवस्था ल देख के गुस्ता आत हे। बात करत बीच म रोक के मुस्टी ह मोला कइथे, तय ह गुस्सा झन हो बल्कि सान्तचीत हो के मोर बात ल सुन। मय ह एक किस्सा सुनात हव। एक राजा रहीस । राजा के चार लईका रहीस। रानी कई ठीक रहीस। पर बड़की रानी ह अन्य सबों रानी के लईका मन ल जहर दे के मार दे रहीस। अउ…

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नवा अंजोरी गे काय रे…

छत्तीसगढ़ राज बने चाैदह साल होगे। साल 2015 के बिहान हो गे हे! अब्बड़ होथे 15 साल फेर का छत्तीसगढ़ अऊ छत्तीसगढ़ियां मन बर नवा अंजोरी गे हे? सोचे बर पड़त हे। का बड़े-बड़े भवन, डामर के सड़क अऊ विकास के नाम धूल धुआं छोड़त कारखाना, यही विकास के पैमाना ये? अपन घर, अपन सहर हमन आज अनजान होगे हन। कोनो पहिचान नई आये, नवा-नवा चेहरा, नवा लोग एइसे लगथे के हमन दुसर सहर, राज के हन। छत्तीसगढ़ियां परमपरा, संस्कृति नंदात हे। नाचा-गम्मत, रहस, ददरिया, करमा, सुआ के जगह डीजे,…

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आवा बचावव लोक कला ल : डॉ. सोमनाथ यादव

बिलासा कला मंच के संस्थापक अउ राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्‍मानित डॉ. सोमनाथ यादव कला अउ कलाकार मन ल बढ़ावा देहे बर जाने जाथे। मंच ह कला के संरक्‍छन के दिसा मं काम करे के संग अइसे रचनाकार मन के किताब ल छापे हवै, जउन ल कोनो नई जानयं। उनखर काम ल देख के शासन हं डॉ. यादव ल छत्‍तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य बनाए रहिस। डा. यादव तिर अनुपम सिंह के गोठ.  भास्‍कर : बिलासा कला मंच ल बने २२ बरस हो गे हवै। अतेक साल मं छत्तीसगढ़ी…

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