छत्तीसगढ़ी भासा के महाकाव्यकार

महाकवि कपिलनाथ कस्यप महा कवि कपिलनाथ कस्यप हमर देस के आजाद होय के पहली जनम लेइन अउ बरिस 1985, 2 मार्च के देहावसान होइस, बीसवीं सदी के उन एक साधारण अचरचित साहित्यकार रहिन उन समाचार पत्र-पत्रिका म अपन नाम छपय एकर ले परहेज करत रहिन जबि उन राष्ट्रीय कवि मैथिलीसरन गुप्त के समकालिन कवि रहिन। छत्तीसगढ़ी भासा ल एक मानकरूप म लाये म उन तीन ठन महाकाव्य ‘श्री राम कथा’, ‘श्री कृस्नकथा’, ‘महाभारत’ अउ ‘श्रीमद् भागवत गीता’ (छत्तीसगढ़ी भावानुवाद) के रचना कर अपन प्रतिभा ला बताईन -छत्तीसगढ़ के महाकवि कहाइन…

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