बसंत बहार छागे सुग्घर, कोइली गीत गावत हे। अमरइया के डारा सुग्घर, लहर-लहर लहरावत हे।। चिरइ चिरगुन चींव-चींव करके, सुग्घर… Read More
वीणा बजईया सरसती मंईयाँ..2 मोला तार लेना ओ... तोरे चरण मं आऐ हंव दाई मोला गियान देना ओ...2 कोंदा लेड़गा… Read More
ये जमाना बिगड़गे रे भाई ये जमाना बिगड़गे रे :-गुल्ली डण्डा के खेलईया सिरागे...2 ओ जमाना निकलगे रे... ये जमाना… Read More
बड़ सुग्घर हे मोर छत्तीसगढ़, चारों मुड़ा हरियाली हे। जेती देखबे तेती संगी, खुशहाली ही खुशहाली हे।। बड़ भागी हन… Read More
फैसन के जमाना आगे, आनी बानी फैसन लगावत हे। छोकरी-छोकरा ला का कहिबे, डोकरी डोकरा झपावत हे।। उमर होगे हे… Read More
धसकुड़ मं बिराजे ओ,घटारानी हावे तोर नांव...२ चिरई-चिरगुण चिंव-चाँव करत हे...२ मईयां मईयां रटे नांव...२ धसकुड़ मं बिराजे ओ,घटारानी हावे… Read More
पबरीत हावे राजिम नगरी, परयाग राज कहलाऐ। बिच नदीया में कुलेश्वर बईठे, तोरेच महीमा गाऐ।। महानदी अऊ पईरी सोंढ़हू, कल-कल… Read More
मोर भारत माँ के दुलौरिन बेटी, छत्तीसगढ़हीन दाई। तोर कोरा मं मांथ नवांके, लागौं तोरे पांई।। :-तोर कोरा मं जनम-जनम… Read More