Harishankar Gajanan Prasad Dewangan

कब बबा मरही ….. कब बरा खाबो

मोर राज आवन दव, तहन तुंहर गांव के संगे संग, तुंहरो भाग जाग जही। एक बेर मोला जितावव तो सही… Read More

5 years ago

चुनावी व्‍यंग्‍य : योग्यता

चुनाव के समे लकठियागे रहय। अपन अपन पारटी ले टिकिस झोंके बर, कार्यकरता मनके लइन लगे रहय। पारटी के छोटे… Read More

5 years ago

चुनावी व्‍यंग्‍य : बूता के अपग्रेडेसन

सांझ कुन के बेरा म गुड़ाखू घंसरत, दू झिन मनखे मन तरियापार म बइठके, दुख सुख गोठियावत रहय। एक झिन… Read More

5 years ago

चुनावी लघुकथा : बुरा न मानो …… तिहार हे

एक – तैं कुकुर दूसर – तैं बिलई एक – तैं रोगहा दूसर – तैं किरहा एक – तैं भगोड़ा… Read More

6 years ago

चुनावी कथा : कंठ म जहर

समुनदर मनथन म, चऊदह परकार के रतन निकलीस। सबले पहिली, कालकूट जहर निकलीस। ओकर ताप ले, जम्मो थर्राये लगीन। भगवान… Read More

6 years ago

बरतिया बर पतरी निही, बजनिया बर थारी

सत्ता सुनदरी के स्वयमबर के तियारी जोरसोर से चलत रहय। जगा जगा के मनखे मन, रंग बिरंग के पहिर ओढ़… Read More

6 years ago

चुनावी घोसना पत्र

हमर देस म जतेक खबसूरत चीज हे तेमा, चुनावी घोसना पत्र के नाव पहिली नमबर म गिने जाथे। एकर खबसूरती… Read More

6 years ago

चुनाव आयोग म भगवान

भगवान के दरसन करके, बूता सुरू करे के इकछा म, चार झिन मनखे मन, अपन अपन भगवान के दरसन करे… Read More

6 years ago

योग्यता

चुनाव के समे लकठियागे रहय। अपन अपन पारटी ले टिकिस झोंके बर, कार्यकरता मनके लइन लगे रहय। पारटी के छोटे… Read More

6 years ago

बड़का कोन

सरग म खाली बइठे बइठे गांधी जी बोरियावत रहय, ओतके बेर उही गली म, एक झिन जनता निकलिस। टाइम पास… Read More

6 years ago