Harishankar Gajanan Prasad Dewangan

माफी के किम्मत

भकाड़ू अऊ बुधारू के बीच म, घेरी बेरी पेपर म छपत माफी मांगे के दुरघटना के उप्पर चरचा चलत रहय।… Read More

6 years ago

व्यंग्य : पहिचान

पिरथी के बढ़ती जनसंखिया ला देख के, भगवान बड़ चिनतित रहय। ओहा पिरथी के मनखे मनला, दूसर गरह म बसाये… Read More

6 years ago

लघुकथा : अमर

आसरम म गुरूजी, अपन चेला मनला बतावत रहय के, सागर मनथन होइस त बहुत अकन पदारथ निकलीस । बिख ला… Read More

6 years ago

व्‍यंग्‍य : जनता गाय

सरग म, पिरथी के गाय मन ला, दोरदिर ले निंगत देखिस त, बरम्हाजी नराज होगे। चित्रगुप्त ला, कारन पूछिस। चित्रगुप्त… Read More

6 years ago

मोर गांव म कब आबे लोकतंत्र

अंगना दुवार लीप बोहार के, डेरौठी म दिया बार के - अगोरय वोहा हरेक बछर।  नाती पूछय – कोन ल… Read More

6 years ago

परजातंत्र

परजातंत्र उपर, लइकामन म बहेस चलत रहय। बुधारू किथे - जनता के, जनता मन बर, जनता दुआरा सासन ल, परजातंत्र… Read More

6 years ago

कागज के महल

अमबेडकर के मुरती के आघू म, डेंहक डेंहक के रोवत रहय। तिर म गेंव, ओकर खांद म हाथ मढ़हा के, कारन… Read More

6 years ago

चुनाव आयोग म भगवान : व्‍यंग्‍य

नावा बछर के पहिली बिहाने, भगवान के दरसन करके, बूता सुरू करे के इकछा म, चार झिन मनखे मन, अपन… Read More

6 years ago

मन के बात

इतवार के दिन बिहाने बेरा गांव पहुंचे रहय साहेब हा। गांव भर म हाँका परगे रहय के लीम चौरा म… Read More

6 years ago

खतरनाक गेम

सरकार हा, ब्लू व्हेल कस, खतरनाक गेम ले होवत मऊत के सेती, बड़ फिकर म बुड़े रहय। अइसन मऊत बर… Read More

6 years ago