Harishankar Gajanan Prasad Dewangan

पथरा के मोल

पथरा मन, जम्मो देस ले, उदुप ले नंदाये बर धर लीस। घर बनाये बर पथरा खोजत, बड़ हलाकान होवत रेहेंव।… Read More

6 years ago

सबले बढ़िया – छत्तीसगढ़िया

नानकुन गांव धौराभाठा के गौंटिया के एके झिन बेटा – रमेसर , पढ़ लिख के साहेब बनगे रहय रइपुर म… Read More

7 years ago

पोल खोल

पोल खोल देबो के नारा जगा जगा बुलंद रहय फेर पोल खुलत नी रहय। गांव के निचट अड़हा मनखे मंगलू… Read More

7 years ago

बोनस के फर

जबले बोनस नाव के पेड़ पिरथी म जनम धरे हे तबले, इंहा के मनखे मन, उहीच पेंड़ ला भगवान कस… Read More

7 years ago

व्‍यंग्‍य : रोटी सेंकन मय चलेंव………

छत्तीसगढ़िया मन के आदत कहां जाही। बिगन भात बोजे पेट नी भरय। फेर कुछ समे ले मोर सुवारी ला को जनी… Read More

7 years ago

व्‍यंग्‍य : कब मरही रावन ?

गांव म हरेक पइत, दसरहा बखत, नाटक लील्ला खेलथे। ये दारी के लील्ला, इसकूल के लइका मन करही। लइका मन… Read More

7 years ago

गनेस के पेट

हमर गांव के लइका मन, गनेस पाख म, हरेक बछर गनेस बइठारे। गांवेच के कुम्हार करा, गनेस के मुरती बनवावय।… Read More

7 years ago

कइसे झंडा फहरही ?

  पनदरा अगस्त के पहिली दिन, सरपंच आके केहे लागीस ‌- डोकरी दई, ये बछर, हमर बड़का झंडा ल, तिहीं फहराबे… Read More

7 years ago

आऊटसोरसिंग

[responsivevoice_button voice="Hindi Female" buttontext="ये रचना ला सुनव"] मंगलू अऊ बुधारू खुसी के मारे पगला गे रहय। लोगन ला बतावत रहय… Read More

7 years ago

सोलह सिनगार

सावन के महिना ल, सहराती महिला मन, बछर भर अगोरय। रंग रंग के पहिर ओढ़ के चटक मटक किंजरय। एक… Read More

7 years ago