[responsivevoice_button voice="Hindi Female" buttontext="ये रचना ला सुनव"] सरग म बरम्हा जी के पांच बछर के कारकाल पुरा होगे । नावा… Read More
[responsivevoice_button voice="Hindi Female" buttontext="ये खबर ला सुनव"] रुख रई जंगल के , बिनास देख , भगवान चिनतीत रिहीस । ओहा… Read More
भरे गरमी म , मंझनी मंझना के बेरा । जंगल म किंजरत किंजरत पियास के मारे मरत रहय भोलेनाथ ।… Read More
गांव ला सवच्छ बनाये के सनकलप ले चुनई जीत गे रहय । फेर गांव ला सवच्छ कइसे बनाना हे तेकर… Read More
डोकरी दई के छोटे बेटा ला परदेस मे रहत बड़ दिन होगे। चिट्ठी पतरी कमतियागे। बेटा ल बलाये खातिर, खाये,… Read More
गुरूजी के पनही, ओकर पहिचान आय। नानुक रिहीस तब ओकर ददा, जे पनही ल पहिने, उही पनही ल गुरूजी घला… Read More
दू झिन संगवारी रिहीन। अब्बड़ पढ़हे लिखे रिहीन। अलग अलग सहर म रहय फेर एके परकार के बूता करय। दूनों… Read More
बिकास के चरचा चारों मुड़ा म होये । गांव गंवई के मनखे मन बिकास देखे बर तरसत रिहीन । हमर… Read More
तइहा तइहा के गोठ। धरमतरई तीर नानुक गांव धंवराभांठा, जेमे रामाधीन नाव के मनखे रहय। ओकर दू झिन बेटा आशा… Read More
हे भगवान , मोर जिनगी म अच्छा दिन कब आही । कोन्हो मोला , पूछे - गऊंछे काबर निही ?… Read More