दू झिन संगवारी रिहीन । अब्बड़ पढ़हे लिखे रिहीन । अलग अलग सहर म रहय फेर एके परकार के बूता करय । दूनों संगवारी एक ले बड़के एक कहिनी कंथली बियंग कबिता लिखय , कतको परकार के अखबार अऊ पतरिका म छपय । हरेक मंच म जावय । फेर दूनों के रहन सहन म धीरे धीरे अनतर बाढ़त रिहीस । एक झिन अबड़ परसिद्ध अऊ पइसा वाला होगिस , ओकर करा गाड़ी बंगला अऊ सरकारी पद होगे । दूसर ल परसिद्धि मिलना तो दूर , अभू घला गोदरी ओढ़इया ,…
Read MoreTag: Harishankar Gajanand Prasad Dewangan
दोसती
एक गांव म आगी लगे रिहीस । चारों कोती अफरा तफरी मच गे रिहीस । जे दऊड़ सकय , तेमन दऊड़ के अपन परान बचा लीन । असक्त अऊ कमजोर मन आगी म लेसाए बर मजबूर रिहीन । फेर एक झिन अइसे मनखे घला रहय , जे कहींच अंग ले खंगे अऊ खिरे नि रहय , न कन्हो कोती ले कमजोर , फेर कतको जगा ओकर देहें म लेसाए भुंजाए के निसान रहय । पता करे गीस , तब जानिन के , ये वो मनखे आए जेहा कमजोर अऊ असक्त…
Read Moreबियंग: परगति
बात तइहा तइहा के आये। मनखे अऊ कुकुर के बीच ताकतवार होये के परतियोगिता सुरू होइस। एक घांव कुकुर हा मनखे ल चाब दीस। मनखे मर गे। मनखे के मन म, डर हमागे। कुकुर, ताकत के पहिली लड़ई जीत डरिस। कुछेच बछर पाछू, कुकुर फेर भिरगे मनखे संग। मनखे मर गे, कुकुर घला मरगे। मनखे अऊ कुकुर के बरोबरी सुनके, जम्मो देस खुस होगिस। इही दिन ले, मनखे ल घला कभू कभू कुकुर केहे लागिन। एक दिन, अड़बड़ खुसी मनावत रिहीन मनखे मन। पता चलिस – कुकुर, मनखे ल चाब…
Read More18 मई बट सावितरी पूजा विसेस : सत्यवान के खोज (बियंग)
नगर म हलाकान परेसान माईलोगिन के दुख नारद ले नी देखे गिस । जिनगी म सुख भोगे के रद्दा बतावत किहीस के, जेठ मास अमावस तिथि के बड़ रूख के पूजा करे बर लागही । त भगवान सिव जी परसन्न हो जही, अउ तोर जिनगी म सत्यवान वापिस लहुट जही, अउ जेन सुख के आस हे, ते पूरा हो जही । कुछ बछर पाछू, उदुप ले, उहीच माईलोगिन ले नारद के फेर भेंट होगिस । नारद ओखर ले कुछु पूछतिस तेकर ले पहिली, वो माई खुदे केहे लागिस – तेंहा…
Read Moreबियंग ( संदर्भ – घेरी बेरी होवत किसान मन के मौत ) : बिसेला कोन
देस ल अजादी मिले कुछेच बछर पाछू के बात आय । एक गांव म , एक किसान , उदुप ले , बिन कोन्हो बीमारी के , दुनिया ले चल दिस । काबर मरिस ? कोन्हो ल खोज खबर करे के जरूरत अऊ फुरसत दूनों , नि रिहीस । दू चार झिन कारन खोजे के परयास करिन , तेमन ल सिरिफ झिड़की मिलीस । ओकर चिट्ठी चिरा गिस – तेकर सेती मर गिस होही , कहिके चुप करा दिन । समे बीतत अइसन घटना के बाढ़ आगिस । सरकार करा ,…
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