चल सहर जातेन रे भाई गांव ला छोड़ के सहर जातेन । ढकर ढकर पसिया पीके, कमई करे जाथन बइला भंइसा कस कमाथन, गांव मां दुख पाधन दुख ला हरे जातेन रे भाई ..। माड़ी भरके चिखला हावय रद्दा किचकिच लगथे माड़ी ऊपर धोती उघारत अडबड लाज लगथे चिक्कन चिक्कन रेंग तेन रे भाई .. […]
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