नवा बहिनी : नान्हे कहिनी

दीनू मन तीन भाई होथय। बहिनी तो भगवान हा उँखर भाग मा लिखे नइ रहिस। दीनू एसो नवमीं पढ़ही, छोटे भाई विनय सातवीं अउ बड़े भाई मनोज हा ग्यारवीं। दीनू के ददा हा बिजली विभाग के सरकारी करमचारी हवय।हर चार-पाँच बच्छर मा उँकर रहे बसे के ठिकाना बदल जाथय। दीनू अपन दूनो भाई ले अलग सुभाव के हवय। ओहा जौन गाँव मा जाथय नवा संगवारी बना डारथे।वो हा नोनी पिला मन संग जादा रहिथे। जब जब राखी तिहार आथे तब ओकर मन गरु हो जाथय। गुने लगथे एसो कोन राखी…

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लइका बर खसरा अउ रुबैला टीका

समाज अउ सरकार दूनो हा लइका मन के स्वास्थ अउ इलाज बर नवा नवा उदिम करत हवय।देस के भविष्य, 9 महिना से लेके 15 बच्छर के लइका मन ला बने बने राखेबर टीकाकरन अभियान चलाय जावत हे। एमा शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास अउ पंचायत विभाग संघरा मिलके प्रचार प्रसार करत हे। 6 अगस्त से 15 अगस्त के बीच टीकाकरन हफ्ता मनाय जाही। इस्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र, सरकारी अस्पताल अउ आँगनबाड़ी मा टीका लगाय जाही। अइसे तो लइका के जनम धरे के पाछू ले डेढ़ बच्छर तक होवत ले…

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सावन मा बेलपत्र के महिमा

अइसे तो सबो जानत हव, बेलपाना हा हमर हिन्दू धरम मनइया मन बर कतका महत्तम रखथे। भगवान भोलेनाथ ला एक डारा बेलपाना चढ़ा के मनमाफी वरदान पा सकत हन।कथा मा बताय हवय कि जंगल मा भुलाय भील सिकारी हा रतिहा बिताय बर पेड़ मा चढ़गे। ओकर बिन जाने रात भर बेल पाना हा टूट के गिरत रहिस, भगवान भोलेनाथ हा मोर भगत हा बेल पान चढ़ाय हे कहिके असीस धन सम्पति अउ भक्ति दे देइस।कहे जाथे सावन मा सिव ला बेलपत्र चढ़ाय ले तीन युग के पाप के नास हो…

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योग रखय निरोग बरसात मा

असाढ़ के दिन आ गए। पानी गिरेबर धरलीस। अब मउसम हा ऊँच नीच होही। कभू अड़बड़ पानी गिरही, झड़ी करही, तब ठंडा लागही अउ दू दिन घाम करही ता मनखे उसना जही। हमर तन ला भगवान हे तौन अइसे विचित्र बनाके भेजे रहीस कि ठंडा में गर्म रहाय अउ गर्मी में ठंडा रहे। फेर हमन अपन तन ला आनी बानी के जिनिस,बेरा कुबेरा खवई पीयई, सुुतई बइठइ मा बेकार कर डरेन। अब ना ठंडा ला सही सकन ना गरमी ला। अउ तुरते बीमार हो जाथन। बरसात के आय ले भूइँया…

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दाई के आँखी मा आंसू

बिसाहिन अबड़ेच कमेलिन तो रहय। गवन आइस अउ बिहान दिन ले खेत जाय के सुरु करे रहिस। उमर 65 बच्छर होगे फेर कमइ ल नी छोड़े हवय। चार बेटा के महतारी नाती नतनीन वाली होगे हवय, फेर कमइ मा बहूमन नी सकय। अपन हाथ मा सियानी करत 48 बच्छर बिता डरिस। अपन रहे के पुरतिन घर कुरिया, बोय खाय के पुरतिन खेत पहिलीच बना डरे रहिस। बेटामन के बिहाव करे पाछू सब ल हिल्ले हिल्ले लगा दिस। सबोमन अपन लोग लइका ल धर के आन सहर मा जियत खात हे।…

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कबीर अउ बेद पुरान

कबीर साहेब ला महान संत माने गे हवय। अइसे ओला धर्म अउ पाखंड के आलोचक घलाव कहे जाथय। कबीर पहिली भारतवासी आय जौन सबो मनखे जात बर एक बरोबर धरम के बखान करे हवय। अंधबिस्वास, कुरीति अउ धरम पाखंड के बर भारी ताना मारे हवय। कबीर ला सच बोले के सेती सत्य कबीर घलाव कहे जाथय। कबीर के जनम अउ जिनगी घलाव एक बिचित्र घटना ले कम नइ हे। मुसलमान घर पालन पोसन होईस अउ गुरु रामानंद के चेला बनीस। जादा पढ़े लिखे तो नइ रहिस फेर जतका परवचन मा…

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आगे पढ़ई के बेरा : मोर लइका ला कहाँ पढ़ांव

गरमी के छुट्टी अब पूरा होवइया हे।नवा बच्छर (सत्र)मा लइका मन के भरती इस्कूल मा सुरु होवइया हे।कालेज मा भरती बर घलो आनलाइन अवेदन सुरु होवत हे।अदला बदली वाले सरकारी करमचारी मन अपन लइका ल नवा जगा के इस्कूल मा भरती कराय के बेवस्था मा लगे हे।अब सब लइका के दाई ददा पालक मन ला संसो हो गे हवय ! मोर लइका ला कहाँ पढ़ाहूं। संतराम के ददा हा सहर के अंगरेजी इस्कूल मा अपन नतनीन अवनी ला भरती कराय बर अबड़ सउँख करके गय रहिस।उहाँ के बड़े मास्टरिन हा…

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मोर लइका पास होगे

पूनाराम आज अड़बड़ खुस हे।बोर्ड परीछा के रिजल्ट निकलिस हे। जब चार महिना के मेहनत पाछू धान मिंज के लछमी ल घर लाथय तब गांव में रहइया गरीब किसान खुस होथे। सरी चिन्ता मेटा जाथे। ओइने आज एक साल के चिन्ता ले मुक्ति मिलिस।आज ओकर नोनी तारनी हा दूसरा दर्जा बारवीं पास होगे। अपन जिद मा बेटी ला रोज पांच किमी दुरिहा सायकल मा आन गांव मा भेज के पढ़ावत रहिस।ओकर बेटी ला पढ़ाय के संकलप पूरा होगे। गनेस,लछमी सरसती के असीस मिलगे। पढ़इया लइका के पास होय के सबले…

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पानी बिना जग अंधियार

पानी ह जिनगी के अधार हरे। बिना पानी के कोनो जीव जन्तु अऊ पेड़ पौधा नइ रहि सके। पानी हे त सब हे, अऊ पानी नइहे त कुछु नइहे। ये संसार ह बिन पानी के नइ चल सकय। ऐकरे पाय रहिम कवि जी कहे हे – रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून। पानी गये ना उबरे, मोती मानुष चून।। आज के जमाना में सबले जादा महत्व होगे हे पानी के बचत करना । पहिली के जमाना में पानी के जादा किल्लत नइ रिहिसे। नदियाँ, तरिया अऊ कुंवा मन में…

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मोर लइका ल कोन दुलारही

पूनाराम के बड़े बेटी सुनीता के बिहाव होय छै बच्छर ले जादा बीत गे।एक झन साढ़े चार बच्छर के बेटी अउ दू बच्छर के बेटा हवय। सुनीता अपन ग्यारा बच्छर के भाँची ल पहली कक्षा ले अपने कर राख के पढ़ात हवय। सुनीता के गोसइया कुलेस सहर के अस्पताल के गाड़ी चलाथे।ठेकादारी हरय पक्की नी होय हे।सुनीता घर मा पीको फाल अउ बुलाउस सिलके दू चार पइसा कमा लेथे। सुनीता मन तीन देरान जेठान होथय। वो हा छोटकी बहू आय।जादा नइ पढ़े हवय ।गांव मा 12 वी तक इस्कूल हवय…

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