सेंदुर के रंग नीला

छत्तीसगढ़ मा सनातन धरम के मनाइया माईलोगिन मन मांग भरथे। बिहाव होय दीदी, बहिनी, महतारी मन के चिन्हा आय मांग के सेंदूर। सेंदूर लाल रंग के होथे।कहे जाथे एला हरदी, चूना अउ मरकरी , गुलाब जल मिलाके बनाय जाथे। एक कमीला नांव के पेड़ के फर ले घलाव सेंदूर निकलथे। इही ल बिहाव के पाछू अपन मूंड़ मा बीच मांग मा ओ माईलोगिन मन भरथे, जेकर गोसाइया जीयत रथे।मानता हवय कि अपन गोसइया के उमर बढ़ाय बर एला करे जाथे। सीता माता बनवास के बखत कलीमा पेड़ के फर के…

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बालदिवस : मया करइया कका नेहरु

हमर देस मा गजबेच अकन महापुरुष मन जनम धरीन ।जौन देस धरम बर अपन तन ल निछावर करीन।अइसने एक महापुरुष हमर देस के पहिली परधानमंतरी पं. जवाहरलाल नेहरु हरय।जौन लइका मन ल गजबेच मया दुलार करय।एकरे सेती लइकामन ओला नेहरु कका (चाचा नेहरु) काहय। लइका मन संग मया के किस्सा उंखर लिखे किताब मा घलाव मिलथे।एक बेरा के गोठ आय जब नेहरु जी केरल के एक गांव कार्यकरम मा जात रीहिस तब सड़क अउ तीर तखार के घर के भांड़ी मा खड़े होके मनखे, लाइका, सियान, चेलिक, माईलोगिन मन परधानमंतरी…

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चाइना माडल होवत देवारी तिहार

हमर छत्तीसगढ़ मा सबो देबी देवता मन ल मान गउन मिलथे।एकरे सेती नानम परकार के तिहार हमन बारो महिना मनाथन।सुवागत से लेके बिदई तक, खुसी, देबी देवता के जनम, बिहाव,खेती किसानी के तिहार मनाथन।अइसने पांच दिन के तिहार आय देवारी जौन ल दीपावली कहिथे।एला कातिक महिना मा मनातन।ये तिहार मा जनम देवइया , पालन पोसन करइया अउ मरइया यम के घलो पूजा करथन। धन तेरस के दिन ले सुरु तिहार मा धनवन्तरी भगवान जौन अमृत बरोबर दवई बुटई देय हावय ओकर पूजा करथन।दूसर दिन यम देवता के पूजा करे जाथे।…

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देवारी तिहार संग स्वच्छता तिहार

आप सबो झन जानथव हमर छत्तीसगढ़ मा बारो महिना तिहार होथय।संगे संग उपास धास, नवरात्रि, गनेस आनी बानी के उछाह। फेर देवारी तिहार के महत्तम अलगेच हावय।कातिक महिना के तेरस ले सुरु होके पांच दिन तक मनाय जाथे।कहे जाथे देवारी तिहार ह भगवान राम के सीता संग अजोध्या लहुटे के खुसी मा मनाय जाथे। छत्तीसगढ़ कौसिल्या माता के मइके अउ रामजी के ममागांव आय।तेकर सेती इहां जादा उछाह ले मनाथे।अइसे देवारी तिहार पांच दिन के कहिथे।फेर एकर तियारी 15 दिन पहिली सुरु हो जाथे। कहे जाथे लछमी माता ह दरिद्र…

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एकलव्य के द्रोनाचार्य बनगे गांधीजी

हमन हर बच्छर 2 अक्टूबर के दिन देस के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जनमदिन मनाथन अउ ओकर देखाय रद्दा अउ कामबुता के सुरता करथन। देस ले अंगरेज मन ल भगाय बर कइसे अपन नीति ल भुंइया मा उतारिन ओला अवइया पीढ़ी ल बताथन। ओकर बताय रद्दा ह आज गांधीवाद बनगे। अहिंसा, सत्याग्रह, अछूत उद्धार,कुटीर उद्योग, बुनियादी सिक्छा , परदेसी जिनिस के बिरोध, गरीब के सेवा, सौचालय स्वच्छता, अउ नानम परकार के बुता करे के रद्दा देखाइन। आज के इस्थिति मा देखथन त जतका मनखे, लोग -लइका, माई लोगिन ( राजनीतिक…

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सक्ति अऊ भक्ति के संगम नवरात परब

नवरात के परब ह छत्तीसगढ़ बर गजबेच महत्तम रखथे। सक्ति रुप दुर्गा के जोत रुप,जंवारा रुप, सत बहिनी रुप , सीतला रुप म पूजा होथय। भक्ति म लपटा के सक्ति के पूजा के संगम हमर छत्तीसगढ़ म देखेबर मिलथे। हमर राज्य पुरातन म भगवान राम के महतारी के मइके इहें रहिसे।ओखर सेती भक्ति छत्तीसगढ़ म जादा हावय। रामचरित मानस म दू नारी के जादा महिमा बताय हे एक माता पारबती अऊ दूसर सीता। माता पारबती ह सिव भगवान ल राम कथा सुनाय बर कहीस। माता पारबती ल सक्ति कहे गेय…

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कचरा कहां हे

कचरा कहां हे…. कचरा काकर घर हे … ओला बाहिर निकालव..हो$$। गांव मा हांका परत रहाय। ओती सहर मा घलो चोंगा माईक मा चिचयावत रहाय काकरो घर कचरा ल राखे हावव त ओला बाहिर निकालव। जेकर घर के बखरी बारी, भीतरी बहिरी अरोस परोस मा कचरा मिल जाही अउ जेन नइ बताही ओला 500 रुपया डांड़ जुरमाना लग सकत हे। ओती रमेसर मुड़ी धर के बइठे हे। काबर कि एक कचरा उंकरो घर हे जौन ल वो गजबेच मया करथे। आज इहां उहां सबो जगा ले कचरा ल दुरिहाय के…

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मुहूलुकवा होवत मनखे

रमेसर गमछा मा मुहूं बांध के परमोद के दुकान तीर ले अपन घेच टेड़गा करके आघू निकलिस। परमोद चिचियातेच हे, रमेसर… रमेसर, कहिके हांक पारतेच हे, फेर कहां सुने, रमेसर। परमोद कहिस- देखे गुरुजी, आठ दिन बर उधारी मांग के जिनीस लेगे रिहीस आज आठ महिना होगे पइसा देय के नांव नइ लेत हे अउ मुंहूं लुका के जावत हे। गुरुजी कहिस- हव रे परमोद! आज मनखे मुहूलुकवा होगे हे। करजा खाय मनखे ह तो बेपारी बर मुहूलुकवा होयेच हे, दफ्तर मा अधिकारी–करमचारी, अस्पताल मा डाक्टर, इस्कूल मा मास्टर अऊ…

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गुरुजी बने परीक्षा देयबर परही

सरकार के एकठन आदेस घूमत हे तेला पढ़के गुरजी मन के चेत हरागे हे। जौन गुरुजी के 12वीं अऊ कालेज मा 50 परतिसत ले कम नम्बर होही तौन ल परीच्छा देय बर परही।बिन डी एड,बी एड के परीच्छा पास करे गुरुजी बन गेहे वहू ल परीच्छा पास करेबर परही नहीं त ओकर छुट्टी कर दे जाही।15-18 बच्छर ले जौन गुरुजी ह लइका मन ल पढ़ात हे,ओकर पढ़ाय लइका मन डाक्टर, इंजीनियर, पुलिस, सैनिक, मास्टर, पटवारी बन गे हे। ओला अब परीच्छा देयबर परही। अइसे गुरु के परीच्छा आदिकाल से होवत…

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नउकरी लीलत हमर तीजतिहार

असाढ़ के लगते ले हमर तीज तिहार सुरु हो जाथे।अइसे तो छत्तीसगढ़ मा बारो महिना तिहार मनातन। चइत के पहिली दिन ले सुरु होय तिहार मा नानम परकार के स्थानीय, परंपरागत अउ रास्टीय तिहार ल बिन भेदभाव के मनाथन। छत्तीसगढ़ के पहिली तिहार अक्ती ल मानथे। अइसने रामनम्मी, जवांरा, हरेली, रथदुतिया, सावन सम्मारी , कमरछठ, आठे,तीजा, पोरा, गनेस चउत, पंचमी, पीतर पाख, दुर्गापाख, दसरहा, देवारी, जेठौनी , नवाखाई, अग्हन बृहस्पति , तीन सकरात, छेरछेरा, होरी, फगवा ये सबो ल आकब नइ कर सकन। फेर हर पुन्नी मा तिहार , एकादशी…

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