किसान मन के अन्नदान परब छेरछेरा पुन्नी

किसान उपजाए धान ले मिंजके कोठार म रास बनाके अन्नपूरना ”लक्ष्मी देवी” के रूप म नरियर अउ हूम-धूप ले पूजा करथे ओखर बाद कोठी म भंडारन करे खातिर ले जाथे। स्कंद पुरान म दान के महत्ता दरसाय गे हवय, ओखर मुताबिक कमाय धन के दसवां भाग दान करना आदमी के करतब है। ये ही सब ल आधार मानके छत्तीसगढ़ी समाज के पूरा सदस्य मन सकभर निभाय के उदीम म लगे रहिथे। येही दानशीलता के सबसे बड़े परब अउ निसानी के रूप में अन्नदान पर्व छेरछेरा तिहार छत्तीसगढ़ म देखे बर…

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संवैधानिक आजादी के सुख पहुंचय आम जनता तक

सिरिफ केन्द्र के राजधानी दिल्ली, प्रांत मन के राजधानी अउ जिला मन के राजमार्ग भर म हरेक साल भारी-भरकम के जुलुस निकाले भरले जनतंत्र नइ कहावय। या हरेक पांच साल म वोट डारे के तिहार मनाय ले गणतंत्र सुफल नइ होवय। जउन दिन हरेक जनता ल रोटी, कपड़ा, मकान, दवाई अउ सिक्छा के ठौरेटी मिल जाहय, जउन दिन आम जनता के मन भावना जागही के भारत देश हमार आय। सिरिफ अधिकारी, कर्मचारी, बेपारी साहूकार, पद लोलुप नेता मन के नेतागिरी चलाय भर बर जनतंत्र नोहय ये जागरूक जनता म आही।…

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