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गोठ बात

महतारी दिवस 14 मई अमर रहे : महतारी तोर महिमा महान हे

महतारी शब्द के अर्थ ला संसार के जम्मो जीव-जन्तु अउ परानी मन हा समझथें। महतारी के बिन ए संसार के कल्पना करना बिलकुल कठिन हे। महतारी हमन ला सिरिफ जनम भर नइ देवय बलकि करम ला घलाव सिखाथे। वो करम जेखर बिन हमर एक पाँव रेंगना असंभव होथे। मया पियार दुलार के संगे-संग अमोल संस्कार […]

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चौपाई

महतारी दिवस विशेष : महतारी महिमा

महतारी महिमा (चौपई/जयकारी छन्द 15-15 मातरा मा) ईश्वर तोर होय आभास, महतारी हे जेखर पास। बनथे बिगङी अपने आप, दाई हरथे दुख संताप।।१ दाई धरती मा भगवान, देव साधना के बरदान। दान धरम जप तप धन धान, दाई तोरे हे पहिचान।।२ दाई ममता के अवतार, दाई कोरा गंगा धार। महतारी के नाँव तियाग, दाई अँचरा […]

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गोठ बात

गरमीं के छुट्टी मा ममा गाँव

कलकूत गरमी मा इस्कूल मन के दु महीना के छुट्टी होगे हे। अब फेर इस्कूल खुलही असाढ मा। लइका मन मा टी.वी.,मोबाइल, कंप्यूटर, लेपटाप, विडियो गेम, देख-खेल के दिन ला पहाही अउ असकटाही घलाव। एकर ले बाँचे बर दाई-ददा मन हा गरमी के छुट्टी बिताय खातिर कोनो नवा-नवा जघा मा घुमे जाय के उदिम करहीं। […]

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गोठ बात

अकती तिहार : समाजिकता के सार

बच्छर भर के सबले पबरित अउ सुभ दिन के नाँव हरय “अक्षय तृतीया” जउन ला हमन अकती तिहार के रुप मा जानथन-मानथन। अक्षय के अरथ होथे जेखर कभू क्षय नइ होवय,जउन कभू सिरावय नही,कभू घटय नही अउ कभू मिटय नही। एखरे सेती ए दिन हा हिन्दू धरम मा सबले परसिद्ध अउ लोकपिरिय दिन माने गे […]

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गोठ बात

होरी हे रिंगी चिंगी : रंग मया के डारव संगी

फागुन के महिना रिंगी चिंगी रंगरेलहा अउ बेलबेलहा बरोबर हमर जिनगी मा समाथे। जिनगी के सुख्खा और कोचराय परे रंग मा होरी हा मया-पिरीत,दया-दुलार,ठोली-बोली,हाँसी-ठिठोली के सतरंगी रंग ला भरथे। बसंत रितु हा सरदी के बिदा करे बर महर-महर ममहावत-गमकत गरमी ला संगवारी बनाके फागुन के परघनी करथे। फागुन के आये ले परकीति मा चारों खूँट […]

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सुरता

सन्त रविदास जयन्ती माघी पूर्णिमा 10 फरवरी

सन्त रविदास गियान के जघा हा जग मा सबले ऊँच अउ अव्वल हावय। गियान हा मान,सम्मान अउ गरब गुमान हरय। गियान जिनगी के सबले खच्चित जीनिस हरय,एखर बिना मनखे पसु के समान होथे। अगियानी आदमी हा आँखी रहीके अंधरा कहाथे। गियान मनखे के तीसरइया नयन हरय। गियान अंतस के वो अंजोर हरय जेखर ले समाज […]

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छत्तीसगढ़ी भाखा

महतारी भाखा के मान करव

मनखे हा जनम धरे के बाद जउन भाखा पहिली सीखथे उही हा ओखर महतारी भाखा कहाथे। इही महतारी भाखा हा वो मनखे के जीयत-मरत समाजिक चिन्हारी होथे, एखर बिन वो हा अधूरा रथे। महतारी भाखा हा मनखे के असल अउ मउलिक पहिचान होथे। महतारी भाखा के जघा ला अउ कोनो दुसर भाखा हा नइच ले […]

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गोठ बात

छेरछेरा : समाजिक समरसता के तिहार

जिनगी मा दान दक्छिना के घातेच महत्तम हावय, असल सुख-सान्ती दान पुन मा समाय हावय। हमर देश अउ धरम मा दान अउ तियाग के सुग्घर परमपरा चले आवत हे, भले वो परमपरा मन के नाँव अलग-अलग रहय फेर असल भाव एकेच होथे- दान अउ पुन। अइसने एकठन दान पुन करे के सबले बङ़े लोक परब […]

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गोठ बात

नवा बछर म देखावा झन करव तुमन

नवा बछर मं नवा बिचार अउ संकल्प के संग सबके भलई के काम करना हे सबले पहिली आप सबो ला नवा बछर के नंगत बधई अउ शुभकामना हावय। मोर अंतस के इही उद्गार हे के सरी संसार हा हांसत-गावत अउ मुसकावत नवा बछर के सुवागत करयं अउ पूरा बछर भर हा बिघन-बाधा के बिन बित […]