कभू पनिया दुकाल कभू सुक्खा दुकाल। परगे दुकाल ये दे साल के साल। सावन बुलकगे बिगन गिरे पानी के। मूड धर रोवय किसान का होही किसानी के। दर्रा हने खेत देख जिवरा होगे बेहाल। परगे दुकाल ये दे साल के साल। खुर्रा बोनी करेंव नई जामिस धान हा। थरहा डारे रहेंव, भूंज देइस घाम हा। पिछुवागे खेती के काम बतावंव का हाल। परगे दुकाल ये दे साल के साल। करजा करके धान लानेवं अब थरहा कहाँ पाहूं। कतका अकन धान होही, कईसे करजा चुकाहूं। घर के ना घाट के असन…
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झगरा रोज मताथे
ननद नोनी तोर भईया हा रोज पी के आथे। ओखी करके बात बात मा झगरा रोज मताथे। ननद नोनी तोर.. पीरा ला मोर मन के नोनी,कोन ला मंय हा बतावंव। नइ माने मोर बात ला बहिनी,कइसे मंय समझावंव। दू दिन बर आना नोनी अपन भईया ला समझा दे। नंनद नोनी तोर.. नइ बताय हंव मइके में,मोर पति के हिंता होही। ददा हा तरूवा पीटही,दाई बमफार के रोही। झन पी दारू ला कहि परथंव,कुट कुट ले मोला ठठाथे। नंनद नोनी तोर… काम बुता मा नइ ठिकाना,ठेलहा घुमत रहिथे। दारू पिये बर…
Read Moreजमुना के तीर तीर हो
जमुना के तीर तीर हो कान्हा गैया चरावे जमुना के तीर तीर हो। कोन बन कान्हा गैया चरावे कहां पियावे पानी। कहां पियावे पानी हो मइया कहां पियावे पानी। कोन बन कान्हा गेंद खेले जमुना के तीर तीर हो। कान्हा गइया चरावे… कउन रंग हे राम के गइया कउने रंग लखन के। कउन रंग लखन हो मइया कउने रंग लखन के। कउन रंग हे कृष्ण के गइया जमुना के तीर तीर हो। कान्हा गइया चरावे… पियंर रंग हे राम के गइया सादा रंग लखन के। सादा रंग लखन के हो…
Read Moreबसे हो माया मोरो नैन
बसे हो माया मोरो नै न मोरो नैन दाई फुलवा बसे। बसे हो माया मोरो नैन मोरो नैन दाई फुलवा बसे हो माँ। मन मंदिर में तोला बसा के करत रहिथंव पूजा मां। करत रहिथवं पूजा। तोरेच बेटा आंवंव दाई झन करबे तंय दूजा। बसे हो माया मोरो नैन.. आंखी के रसता ले दाई हिरदय भीतरी समाये माँ। हिरदय भीतरी समाये। तोर भक्ति में मन मोर रंगगे कुछु नइ सुहाये। बसे हो माया मोरो नैन.. मंया दाई के कइसे होथे तोर कोरा में जानेंव माँ। तोर कोरा में जानेंव। बिन…
Read Moreरन चंडी बने ओ माता
रन चंडी बने ओ माता महिषा सुर ला मारे बर रन चंडी बने। रन चंडी बने ओ माता… बरम्ह देव के करिस तपस्या महिषा सुर अभिमानी। काकरो हाथ ले मंय झन मरौ बर देवव बरदानी। रन चंडी बने ओ माता.. बर ला पाके महिषा सुर हा रिसी मुनी ला सतावे। दुख ला देख के इन्द्र देव बरम्हा बिष्नु ला मनावे। रन चंडी बने ओ माता.. बरम्हा विष्णु शंकर भोला अइसन सुनता बंधावे। महिषा सुर संग युद्ध करे बर जम्मो देंवता आवे। रन चंडी बने ओ माता… अजर अमर महिषा सुर…
Read Moreतोर मुसकी ढ़रत रूप
तोर मुसकी ढ़ारत रूप ओ दाई नैनन में मोर बसगे। नैनन में मोर बसगे ओ दाई हिरदय में मोर बसगे। तोर मुसकी ढ़ारत रूप हीरा जड़े तोर माथ मटु़किया लाली बिंदिया सोहे। चंदा सुरूज तोर नैना माता भक्तन के मन मोहे। तोर कजरा तीर कमान ओ माता नैनन में मोर बसगे। तोर मुसकी ढ़ारत रूप.. कभू सोनहा हार पहिरे कभू मूड़़ी के माला। दानव दल संघारे खातिर धरे तिरसुल भाला। तोला सुमिरे बेद पुरान ओ दाई नैनन में मोर बसगे। तोर मुसकी ढ़ारत रूप… पानी पवन अऊ रूख राई…
Read Moreतोर दू दिन के जिनगानी हे
तोर दू दिन के जिनगानी हे,जादा झन इतराबे। दाई के गरभ मा परे रहे,तब धेरी बेरी गिंगियाय। तोर नाम ला जपहूं प्रभूजी,कहिके तंय गोहराय। जनम धरे दाई ददा के,मंया मा तंय बँधाबे। तोर दू दिन के… लइका पन मा खेले कूदे,जुवानी मंया बिलमाये। एको घड़ी सतसंग नइ करे,राम नाम नइ गाये। आही बुढ़ापा मुड़ धर रोबे,अपन करम ठठाबे। तोर दू दिन के… धन दोगानी महल अटारी ,तोर संग नइ जाही। बेटा बहू नाती नतुरा,सबो तोला तिरियाही। रामके नाम जपत रहिबे,जीवन सफल बनाबे। तोर दू दिन के… छल कपट अऊ झूठ…
Read Moreमंय छत्तीसगढ़ के बेटी अंव
मंय दूनो कुल के जोती अंव। अपन किसान के मंय किसानिन अंव। बड़े फजर पनिहारिन अंव। बोली में सुध्धर बानी अंव घर घर के खपरा छान्ही अंव भारत भुइयां के माटी अंव मंय छत्तीसगढ़ के बेटी अंव मंय दुलौरिन बेटी दाई के मंय राखी अंव गा भाई के मंय पहुना अंव भउजाई के अऊ परोसिन बर पहुनाई के मंय दुखिया के मिलोती अंव। मंय छत्तीसगढ़ के बेटी अंव मंय गंगा अंव मंय गीता अंव मंय रामचंन्द के सीता अंव अपन पति के मंय परनीता अंव छत्तीसगढ़हिन नंय सुरजोती अंव। मंय…
Read Moreबारो महीना तिहार
बारो महीना तिहार के बहार। आगे आगे तिहार अऊ तिहार। चइत महिना आगे नवरात्रि आगे। जोत बरे घरो घर जंवारा बोंवागे। दुरगा दाई के सेवा ला बजाले। राम जनम सुख सोहर के बहार। आगे आगे तिहार अऊ तिहार। बइसाख महिना आगे बर बिहाव आगे। फूटगे फटाका बरतिया सकलागे। गंड़वा बाजा अऊ डीजे घलाेक आगे। नोनी के बिदा होगे बहुरिया आगे। बर बिहाव घरों घर होवत हे उछाह। आगे आगे तिहार अऊ तिहार। जेठ महिना आगे रग रग ले घाम हे। चूहे पसीना तब ले करना परही काम हे. जेठ मा…
Read Moreमोर हतिया झन करवाबे दाई
मोर हतिया झन करवाबे दाई तोर बेटी अंव। दाई तोर बेटी अंव बाबू तोर बेटी अमल। मोला पेट में झन कटवाबे, दाई तोर बेटी अंव। बाबू तोर बेटी अंव. तोर गरभ ले जनम लेहूं दाई, खेलहूं बाबू के कोरा। अंगना में तोर किलकारी देहूं, खेलहूं चुकी पोरा। भारत भुईयां में जनम धरे के मन मा मोरो साध. दाई तोर बेटी अंव बाबू तोर बेटी अंव। मोर हतिया झन करवाबे… आज के बेटी पढ़ लिख दाई, जज इंजीनियर बनगे। रेल गाड़ी अऊ जिहाज हा दाई, बेटी मन ले चलगे। फउजी बनके…
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