राखी के आगे तिहार

राखी के आगे तिहार मोर भईया, राखी के आगे तिहार। जल्दी आबे अबेर झन करबे, बईठे रहूं मंय तियार। मोर भईया राखी के आगे तिहार… भाई बहिनी के दया मया बर,ये तिहार हा आथे। भईया बहिनी के रक्षा करथे,रक्षा बंधन कहाथे। भाई येहा डोरी नोहय,हरय मया दुलार। राखी के आगे तिहार.. भईया रहिथे मोर ले दुरिहा,मंय रहिथंव परदेश। मोर मंयारू भईया लेवत रहिथे,मोर सोर संदेश। तीजा पोरा मा जम्मो झन सकलाबो,बाढ़थे मया दुलार। राखी के आगे तिहार.. लईका पन के सब्बो संगवारी,अभी ले सुरता आथे। खेलन कूदन पढ़न लिखन,रहि रहि…

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सावन के परत हे फुहार

सावन के परत हे फुहार। रे संगी मोर आजा मोला झन बिसार। गरज चमक के बईरी बजुरी डरवावत हे। पानी के परत हे झिपार। रे संगी मोर आजा…. छानी के ओईरछा हा, टप टप चुहत हे। जइसे मोर आँसू के धार। रे संगी मोर आजा…. हरियर रूख राई मन, मोला बिजरावत हे। तुहंर बिना ठुंडगा जिनगी हमार। रे संगी मोर आजा… एसो के सावन मा आ जाबे जोंही मोर। नही ते बादर कस जिनगी अंधियार। रे संगी मोर आजा… सुरता आथे तोर चुहत रहिथे आँसू। काबर सुरता दिये हव बिसार।…

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हमर घरे मा हावय दवई

मेंथी दाना पीस के राखव, एक चम्मच पानी मा चुरोवव। रोजे दिन येला पियव,रोग बिमारी ला धुरोवव। नून शक्कर कुछु झन डारव, सोझे येला पीबो। आंव, शुगर, माडी पीरा मिटाही, सुख के जिनगी जीबो। पेट बिकारी रहिही तेमा, मीठ्ठ छाछ, दही पानी ला पीबो। पेट दरद अनपचक नइ होही, बने जनगी जीबो। रोजे दिन जउन अांवरा खाही, बांचे रहिही बिमारी ले। दिल के बिमारी कभू नइ होही, बांचही बी.पी.के चिन्हारी ले। जेवन खाय के पाछू हांथ के पानी झन पोछव. दूनोंं हथेरी ला रगर के, आंखी कान के उपर धरव।…

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