बारा महीना के बारा ठन साग-भाजी हमर भुईंया के माटी ह सोन माटी हाबय, कुछु उपजा लेवा उपज जाथे, हमर धरती म के कोरा ह हमन ला हरियर-हरियर बनसपति ले नवांजथे, हम जीब जोहर पइदा करे हाबय, तेकर आतमा के तीरपती बर, जीभ के सुवाद बर अव सरीर के पोसन बर आनी-बानी के अन्न अव साग-सालन पइदा करे हाबय, बारा महीना के कई बारा ठन परकार के साग-भाजी अदल-बदल के बनावा तभो ले मन ह नई जुड़ावय, अव जम्मो ले बिबध परकार के बयनजन बनथे, मय अभी जाड़ महीना के…
Read MoreTag: Kiran Sharma
नारी अऊ पुरूस दो परमुख स्तंभ
मनखे रूप म बंदनीय हावय इकर कोमल भाव मातृत्व म सागर के हिलोर हे, त कर्तव्य म हिमालय परबत के समान हावय एक दुसर के पुरक हावय, नारी के अंर्तमन के थाह नई हावय ईसवर के देहे बरदान हे नारी, ऐमा सिरजन के अदभुत छमता होथे, पीरा, व्यथा संघर्स विलछनता, सहनसीलता, परिवार बर समरपन सब्बो ल एकजुट करके चलना, हर बिपरीत परीस्थिती म चट्टान के जइसे अडिग रहना, नारी के जनमजात गुन हावय नारी यदि ईसवरीय रूप म पुजित हे त मनखे रूप म बंदनीय हावय इकर कोमल भाव मातृत्व…
Read Moreजनता जनारदन
अभी बिगत दिन चुनई के माउहौल रहीस बड़ जोर-सोर ले नेतामन उनकर कारकरतामन परबार के मनखेमन जीतोड़ परतयासीमन के परचार -परसार करत रहिन, गली-खोल ऐसनहा लागै जाना मन कोनो बर बिहाव होवत रहीस हमर भोली-भाली जनता मन ला निच्चट जोजवा अव लोभी समझ लुगरा, पइसा, कंबल अव जरत के चीज बांट के भल मनखे अव जिमेदार मनखे बनत रहीन, फेर नई जानत रहीन कि आज के जनता जनारदन समय अनरूप सवधानअव जागरूक होगे हावय, कोनो तामझाम अव परलोभन नई आवय ऐकर परतक्ष उदाहरन अभी के नगर निगम नगरपालिका के चुनई…
Read More