जइसे लइका ल सेंके बर गोरसी के आंच जरूरी होथे, जइसे दरपन बनाय बर कांच जरूरी होथे, वइसने चोरी-डकइती, गडबड-घोटाला के खुलासा करे बर जांच जरूरी होथे। जांच अइसन-वइसन घलो नई, सिद्धा सीबीआई जांच! हमर बबा। पहरो म अइसन जांच नई होत रिहिस। एक दिन के बात हरय। हमन चउपाल म बइठ के तिरी-पासा खेलत रेहेन। सरपंच घला बइठे रिहिस। ओतकी बेरा टरकू कका ह सइकिल म चघके अपन खेत कोती गिस। घंटा भर म जब वोहा अइस त रेंगत-रेंगत। मेहा पूछ परेंव- सइकिल ल कते कर छोड देस कका,…
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नंदिनी केहेस त मोर गांव देमार – कहिनी
आज दुखवा बबा के कुछ आरो नइ मिलत हे। बबा ल कुछु हो तो नई गे! आजेच ओखरघर के मोहाटी के कई बच्छर जुन्ना पीपर पेड़ हर जर समेत उखड़ गे हे। कहुं बबा ह उही मा चपका के… छी…छी… ये कहा मेहा अण्ड-बण्ड सोंचत हंव। बबा ल कुछु नई होवय अबहीन तो वो हा कई बच्छर अऊ जीही। अइसन सोंच के मेहा अपन आप ल धीर तर धरा डरेंव फेर मन के बेचइनी ल दूर नई कर सकेंव। मोर गोड़ अपने-अपन बबा के घर जाय बर उठगे। दुखवा बबा…
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