बसंत म बिरह – छत्तीसगढी कविता आडियो

संगी मन बर बसंत के बेरा मा एक अडबड सुन्दर छत्तीसगढी आडियो इहा लगावत हावव, सुनव अउ बासंती बयार म झुमव. पसन्द आवय त टिपिया के असीस देवव. ये कबिता के हिन्दी भावानुवाद मोर हिन्दी ब्लाग आरंभ ले पढ सकत हव. जानि डारेव रे कोयली तोर काय चाल हे पहिली तैं फुदुक फुदुक कूदे डारा डारा नेवता नेवते अमरइया जा के झारा झारा अमुआ के रुख फेर सबला तैं बलाये भवरा के मोहरी संग गीत गुंनगुनाये फेर मोला नै पुछेस काय हाल हे जानि डारेव रे कोयली तोर काय चाल…

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