जाड़ हा जावत हे

बिहनिया बिहनिया थोर कुन जडावत हे चिरई चिरगुन पंख फडफडावत हे सुरूज अपन कहर दिखावत हे लागत हे जाड हा जावत हे भइया थोरकुन मुचमुचावत हे भउजी घलो लजावत हे अमरइया मा मउर घलो ममहावत हे लागत हे जाड हा जावत हे डोकरा डोकरी ला गुर्ररावत हे भइसी बइठे पगुरावत हे राउत ला भइसी लतियावत हे लागत हे जाड हा जावत हे कोटवार हांका लगावत हे जम्मो ला आंट मा बलावत हे साल स्वेटर ला झन पहिरिहा संगी लागत हे जाड हा जावत हे कोमल यादव मदनपुर खरसिया [responsivevoice_button voice=”Hindi…

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गणतंत्र दिवस के करा तइयारी

झूमत हावय सब नर नारी छोड दा जम्मो अब लाचारी कुर्बानी के फल गुरतुर हावय गणतंत्र दिवस के करा तइयारी संगी जहुंरिया खुशी मनावा मां के जय जय कार लगावा भारत मां के गीत ला गावा ढोल नगाडा आज बजावा लइका जम्मो एति आवा परसाद के पुडिया धर के खावा आनंदित हे दुनिया सारी गणतंत्र दिवस के करा तइयारी खुशी जम्मो मनावत हे भउजी घलो लजावत हे भइया काबर दुरिहा हे ओखरो बर परसाद के पुडिया हे भारत मां तिहार हे लइका मन हुसियार हे लइका तुमन शान बढावा भारत…

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नवा बछर के नवा उमंग

नवा बछर के नवा उमंग नवा नवा संगी के संग नवा हवा के नवा असर आ गे हे नवा बछर नवा बछर मा संगी जम्मो खुशी ला आज मनावा हलुवा पुरी बोबरा रोटी घर मा आज बनावा पाछू बछर हमन काबर रहेन अशांत एक बछर चल दिहीस चल दिहीस एकांत पीला मटमैला रंग के फुले हे फुल कनेर नील गगन मा उडत हावय तोता मैना अउ बटेर नवा बछर के नवा कहानी नवा नवा हे आज जवानी नवा बछर के नवा कहर आ गे हे नवा बछर कोमल यादव मदनपुर,…

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दिन आ गे धान मिसाइ के

दिन आ गे धान मिसाइ के दौरी बेलन नंदा गे हार्वेस्टर टेक्टर फंदा गे चल दिहिस दिन सवनाई के दिन आ गे धान मिसाइ के डोकरा धरे हे पनपुरवा डोकरी फटकारे चिंगरी सुरवा नई हे माटी ममहाइ के दिन आ गे धान मिसाइ के धान ला भर लौ कोठी मा बइला हकालव लौठी मा पाना हरियर रुखराइ के दिन आ गे धान मिसाइ के भइया अपन पागी खोंचय भउजी मने मन का सोचय नई हे दिन अपन बड़ाई के दिन आ गे धान मिसाइ के सुवा गीत ला संगी गावा…

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शिक्षाकर्मी के पीरा

महिमा गुरू के हावय महान काबर हमन हन अनजान जाड मा संगी झन खावा खीरा कोन समझ हि शिक्षाकर्मी के पीरा एहा जम्मो बुता करे बुता करके बिमार परे नई करय कोनो काम अधुरा कोन समझ हि शिक्षाकर्मी के पीरा आगे चुनाव अउ जनगणना एखर होगे अब तो मरना आदेश ला एहा पुरा करहि ततो एला रोटि मिलहि मंहगाई के जुग मा तडपत हावय भुख मा एला देवा वेतन पुरा कोन समझ हि शिक्षाकर्मी के पीरा वेतन एखर जब मिलहि परिवार के चेहरा तब खिलहि उंट के मुंह मा जइसे…

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जाड़ हा जनावत हे

बिहनिया ले डोकरा बबा कुडकुडावत हे चिरइ चिरगुन पंख फड़फडावत हे बडे बिहनिया झन उठीहा संगी अब के जाड़ हा जनावत हे दाई हा पनपुरवा बनावत हे ददा मंद मंद मुचमुचावत हे एति तेति झन गिंजरिहा संगी अब के जाड़ हा जनावत हे डोकरा बबा बिडी सुलगावत हे डोकरी सरसों तेल कडकावत हे आगी के तिर ले झन उठिया हा संगी अब के जाड़ हा जनावत हे भइसी बइठे पगुरावत हे राउत ला भइसी लतीयावत हे जाड मा झन नोहावा संगी अब के जाड़ जनावत हे भउजी लइका ला खिसियावत…

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दीवाली तिहार

दीवाली के तिहार हे करा जी साफ सफाई सुंदर हे तन मन हमर मिलके खुषी मनाई लइका खेलत हे घर मा दीया आवा जलाई रंग बिरंगा रंगोली ला मिलके आज बनाई लक्ष्मी जी के पूजा करा दुख के होही बिदाई दुब फुल ला अर्पण करके जम्मो झन खावा मिठाई सुंदर सुंदर कपडा पहिरा थाली आवा सजाई भक्ति भाव ले रोषन करा दुवारी अउ अंगनाई लइका मन राकेट छोडिन छोडिन आज लडाई महतारी के कोरा मा दुख ला जी बिसराई कोमल यादव मदनपुर खरसिया 9977562133 [responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”ये रचना ला…

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फांदा मा परगे किसानी

फांदा मा परगे किसानी नुन मिरचा अउ बासी भात सुते नई हंव कतको रात खेती नई हे बहुत असानी फांदा मा परगे किसानी रगड के हमन बुता करेन बुता करके बिमार परेन ए बछर काबर बरसत नई हे पानी फांदा मा परगे किसानी कोन समझ ही पीरा ला कइसे भगई धान के कीरा ला हमर ले होगे नदानी फांदा मा परगे किसानी किसानी होगे दुखदाई फलत फुलत हे रूखराई सावन के होगे मनमानी फांदा मा परगे किसानी मुड धरके बइठे हन भुख मा हमन अइठे हन पीरा हरा दुर्गा रानी…

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जगमग जगमग दिप जलत हे

जगमग जगमग दिप जलत हे मां के दरस मा प्यारे देखा खाली पांव अब भगत चलत हे पुजा आरती मां दुर्गा के जगह जगह पंडाल सजत हे भगत आज लगा लौ नारा पिरा हमर मिट जाही पुरा ईर्ष्या द्वेष काबर मन मा पले हे जगमग जगमग दिप जले हे रंग बिरंगा कपडा देखा मां के दरस मा आंखि सेंका भक्ति में मन आज रमे हे भगतन मन के तांता लगे हे उत्सव के करलव तइयारी भक्तिमय आज हे दुनिया सारी मां के चरण मा स्वर्ग बसे हे जगह जगह पंडाल…

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गणपति विराजे

सबके मन आज रमे हे भगतन के तांता लगे हे कानन कुंडल मुकुट मा साजे जय जय जय गणपति विराजे एति तेति पंडाल सजे हे बिहनिया संझा शंख बजे हे बाजत हावय गाजा बाजा पुजा पाठ जम्मो करबो आजा भगत जमके जयकार लगावा मुख ले फेर चित्कार लगावा षिव शंकर के डमरू बाजे जय जय जय गणपति विराजे षिव शंकर हावय पिता तुंहर कष्ट निवारण करा हमर गणनायक संग नंदी नाचे जय जय जय गणपति विराजे स्नेह प्रेम के गावा गाथा प्रभु चरनन मा टेका माथा कष्ट ला एहा हरही…

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