Komal Yadav

तीजा

पति के लंबा उमर हो चाहे कोनो डहर हो खालव चाहे बर्गर पीजा एक बार रख लौ जी तीजा घरो… Read More

7 years ago

काबर सूना हावय कलाई

भैया तैं मां के सेवा करथस दिन अउ रात मन मा लुका रखे हंव मैं हा कोनो भी हो बात… Read More

7 years ago

राखि तिहार

बहिनी कोखरो नई हे ता जीवन बेकार हे अक्षुन्य विष्वास हावय जहां ओखरे नाम राखि तिहार ए मॉं के ममता… Read More

7 years ago

सावन

व्याकुलता छाए हे तन मन मा अकुलित हम सब यौवन मा जम्मो कति बादर आ गे नाचत हे मजूर अब… Read More

7 years ago

लक्ष्‍मण कुम्हार : कोमल यादव के कविता

छत्तीसगढीहा माई के दुलार डांस इण्डिया बर रहिस तइयार ददा हे जेखर रिक्शा चरवार नाव हे लक्षमण कुम्हार। पन्नी बिनइया… Read More

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कोमल यादव के कविता : बेटी बचावा अउ जाड के बेरा

बेटी बचावा कइथे बेटी हाथ पसार मोला देवा मया दुलार। बेटी मन ला काबर मया नई करय हमर संसार। सोचा… Read More

7 years ago