हमर छत्तीसगढ़़ म अभी जउन नवा पीढी के लइकामन पढ-लिख के तियार होवत हें तेन मन ह छत्तीसगढी़ भासा ले दूर भागत हें। वोमन छत्तीसगढी म बोले बर नई चाहंय। छत्तीसगढी भासा जउन ह हमर मातृ भासा ए, तेमा बोले बर लजाथें। घर म ददा-दाई, बबा, कका दाई मन लइकामन के संग छत्तीसगढी म कुछू पूछथें त वोमन वोकर जुवाब हिन्दी म देथें। येहा बड दु:ख के बात आय। हमर देस के दूसर राज के लइकामन अपन ‘मातृभाषा’ बात करइ ल अपन सान समझथें। ऐकर ले उलट हमर छत्तीसगढ के…
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- Krishna Kumar Sharma