रेल गाड़ी ह टेसन म छिन भर रूकिस अउ सीटी बजात आगू दंउड़ गिस। छिने भर म टेसन ह थोड़… Read More
बिहाव ह कथे कर के देख, घर ह कथे बना के देखा। आदमी ह का देखही, काम ह देखा देथे।… Read More
बाम्हन चिरई ल आज न भूख लगत हे न प्यास । उकुल-बुकुल मन होवत हे। खोन्धरा ले घेरी-बेरी निकल-निकल के… Read More
नाम - कुबेर जन्मतिथि - 16 जून 1956 प्रकाशित कृतियाँ: 1 - भूखमापी यंत्र (कविता संग्रह) 2003 2 - उजाले… Read More
असाड़ लगे बर दू दिन बचे रहय। संझा बेरा पानी दमोर दिस। उसर-पुसर के दु-तीन उरेठा ले दमोरिस। गांव तीर… Read More
रात के बारा बजे रहय। घर के जम्मों झन नींद म अचेत परे रहंय। मंय कहानी लिखे बर बइठे रेहेंव।… Read More
बड़े साहब के रुतबा के का कहना। मंत्री, अधिकारी सब वोकर आगू मुड़ी नवा के, हाथ जोड़ के़ खड़े रहिथें।… Read More
चउदा तारीख के बात आय। रतनू ह खेत ले आइस। बियासी नांगर चलत रहय। बइला मन ल चारा चरे बर… Read More