परकीति बर झिल्ली बिन ईलाज के अजार होगे जगा जगा पहाड़ कस कचरा के भरमार होगे! सरय नही गलय नही साग भाजी कस पचय नही खा के मरत गाय गरूवा एक नही हजार होगे! जोंक कस चपके एकर मोह मनखे के मन म घेरी बेरी बंद चालू करत एला सरकार होगे! लजाथे शरमाथे झोला धर […]
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छत्तीसगढ़ी कविता : सीडी महिमा
गजब जिनिस ए सीडी संगी समाये इही म जम्मो संसार काकरो बर ये धन दोगानी काकरो बर ये हरे तलवार! देश बिदेश के परब संस्कीरति देखाय बताय सब ल उघार मनरंजन बर घर घर आए धरके बिडियो सनीमा अवतार! छोटे बड़े सब आपिस मन म कागज पत्तर के कम होगे काम जब ले बगरे ए […]
घर के फुलवारी
आनी बानी के फूल सजा के लिखथें मया पिरीत के परचा घर अंगना म फूले फुलवारी आओ कर लेथन एकर चरचा! छत्तीसगढ़ के ये आय चिन्हारी लाली पिंवरी चंदैनी गोंदा सादा सुहागा फूल दसमत ले सुघराये गजब घर घरोंदा! मुच मुच मुसकाये रिगबिग चिरैया मन लुभाये झुंझकुर गोप्फा पचरंगा लाली लाली लहराय मंदार पाठ पूजा […]
सुवा गीत : कही देबे संदेश
सुवा रे कही देबे दाई ल संदेश बेटी ल भेजही पढ़े बिदेश बिहाव के संसो ल कबे अभी तै मेट ! सुवा रे…..! बड़े भईया ल पढ़ाये छोटे भईया ल पढ़ाये पर के धन कही कहीके हम ल रंधना रंधवाये, बनके साहेबवा करत हे कोन देखरेख !सुवा रे…..! पढ़ के बेटी दू आखर हो जाही […]
छत्तीसगढ़ी गोठियाय बर लजावत हे
छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया चारो कोति शोर सुनावत हे फेर इंहा के मनखे छत्तीसगढ़ी,गोठियाय बर लजावत हे जब ले हमर राज बनिस,छत्तीसगढ़ के मान बाढ़िस खेत कोठार गांव गली,बनिहार किसान के सनमान बाढ़िस जेकर ले पहिचान मिलिस उही ल दुरियावत हे फेर इंहा….., सुजान सियान हमर पुरखा के,संवारिन करके राखा गा जब ले धरे चेतलग काया,पाये […]
फटाका नइ फुटे’ (दिल्ली के बिषय म)
नइ बाजे जी ,नी फूटे न आसो के बछर म दिल्ली शहर म ढम ढम फटाका नइ फूटे न देवारी तिहार म एनसीआर म अउ तिर तखार म फटाका नइ फूटे न नान्हे नान्हे नोनी बाबू जिद करही बिटाही सुरसुरी चकरी अउ अनार कहां ले बिसाहीं, दुसर जिनिस म भुलियारही लइका मन ल घर घर […]
खेत के धान ह पाक गे
दुख के बादर ह भाग गे ,खेत के धान ह पाक गे देख किस्मत ह जाग गे ,जतनाए रखवारी राख के! भागिस कुंवार कातिक आगे हमागे जड़काला हरियर लुगरा पिंवर होगे,सोनहा सोनहा माला बने फूलिस बने फरिस बोये बिजहा मांग के दुख के बादर…….., जोरा करले तै पानी पसिया के जोर ले संगी साथी करमा […]