मंय बंदत हंव दिन रात ओ

मंय बंदत हंव दिन रात ओ मोर धरती मइय्यां जय होवय तोर। मोर छइय्यां भुंइय्यां जय होवय तोर॥ सुत उठ के बड़े बिहिनिया तोरे पइय्यां लागंव सुरुज जोत मां करंव आरती गंगा पांव पखारंव फेर काया फूल चढावंब ओ मोर धरती मइय्यां….॥ तोर कोरा सब जी जंतू के घर दुवार अउ डेरा तहीं हमन के सुख दुख अउ ये जिनगी के घेरा तोर मयां मां जग दुलरावंब ओ मोर धरती मइय्यां॥ राजा परजा देवी देवता तोर कोरा म आइन जइसन सेवा करिन तोर वो तइसन फल ल पाइन तोर महिमा…

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लक्ष्मण मस्तुरिया के खण्‍ड काव्‍य : सोनाखान के आगी

लिखे-पढ़े के सुख कोनो भी देस-राज के तरक्‍की के मूल म भासा. संस्कृति अउ जनम भुंई के महात्‍तम माने जाथे। एकर बिना कोनो भी किसम के विकास प्रगति बढ़ोत्तरी अकारथ होथे। छत्‍तीसगढ़ राज नई बनेरिस वो समे बीर नरायेन सिंह के ए बीरगाथा सुनके नौजवान मन के मन म भारी जोस अउ आत्म गौरव के भाव जागतरिस, कवितापाठ के बीच बीच म जय छत्‍तीसगढ़ के नारा लगावंय। छत्‍तीसगढ़ राज बने के बाद एकर महत्व बाढ़गे हे, नवा पीढी ल अपन पुरखा मन के त्‍याग बलिदान अउ जोम के जानकारी होना…

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सच बोले के काम सिरिफ सरकारी हे

सच बोले के काम  सिरिफ सरकारी हे  बाकी सब मुंहदेखी  बात लबारी हे … ऐसे समे म चुप रहना  सबसे बढ़े समझदारी हे –  काबर के महिमा मंड़ित  सिरिफ निंदाचारी हे  सरकार अउ बयपारी  जउन कहत हे वोला  टी.वी. रेडियो गजट बगरात हे  मनखे के सुख-दुख म भला  कोन आंसू बरसात हे  सच्छात धरम राज उतर के  कहूं जनता के दुख गोहरही  वोकर बात के कोनो असर नइ होय  वो जतके लकठाही वोतके दुरियाही  रेडियो टी.वी. गजट ल का फायदा  सरकार समरथ हे वोकर  जवाब के का फायदा  सुराज राज…

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