Loknath Lalkar

मंय छत्तीसगढ़ बोलथंव

मंय छत्‍तीसगढ़ी बोलथंव मंय मन के गॉंठ खोलथंव छत्तीसगढ़ियामन सुनव मोर गोठ ल धियान गॉंव-गॉंव म घुघवा डेरा नंजर गड़ाहे… Read More

6 years ago

गुंडाधूर

जल, जंगल, माटी लुटे, ओनीस सौ दस गोठ सुनावं रंज देखइया बपरा मन ला, हंटर मारत चंउड़ी धंधाय गॉंव-टोला म… Read More

6 years ago

छत्तीसगढ़ के आसा, छत्तीसगढ़ी भासा

(छत्तीसगढ़ी राजभासा दिवस, 28 नवम्बर 2017 बिसेस) भासा के नाम म एक अऊ तामझाम के दिन, 28 नवम्बर। बछर 2007… Read More

6 years ago

तोला लाज कइसे नइ लागे ?

धनी घर के ऐ चातर करइया, खेत बेंचके ऐ नौकर बनइया तोर किसानी गंवावथे रे ! तोला लाज कइसे नइ… Read More

6 years ago

सुरता आथे रहि-रहिके

सुरता आथे रहि-रहिके ननपन जिनगानी के, सुरता आथे ना दाई के रांधे सिल-बट्टा के, कुंदरू-करेला चानी के, सुरता आथे ना… Read More

7 years ago

अजब-गजब

अजब संसार होगे, चोर भरमार होगे चोरहा के भोरहा म चंउकीदार उपर सक होथे सच बेजबान होगे, झूठ बलवान होगे… Read More

10 years ago

सुकवा कहे चंदा ले

सुकवा कहे चंदा ले गांव-गंगा नइ दिखे चोला चिटियाएहे, मन चंगा नइ दिखे खुमरी नंदागे कहॉं, खुरपा नइ दिखे खार… Read More

10 years ago

जागो हिन्दुस्तान

सुनो रे संगी ! सुनो रे सांथी ! सुनो मोर मितान ! देसी राज म गोहार होवथे, होगे मरे बिहान… Read More

10 years ago

छंद – अजब-गजब

अजब संसार होगे, चोर भरमार होगे चोरहा के भोरहा म चंउकीदार उपर सक होथे सच बेजबान होगे, झूठ बलवान होगे… Read More

10 years ago

कविता – सुकवा कहे चंदा ले

सुकवा कहे चंदा ले गांव-गंगा नइ दिखे चोला चिटियाएहे, मन चंगा नइ दिखे खुमरी नंदागे कहॉं, खुरपा नइ दिखे खार… Read More

10 years ago