गीत – जागो हिन्दुस्तान

सुनो रे संगी ! सुनो रे सांथी ! सुनो मोर मितान ! देसी राज म गोहार होवथे, होगे मरे बिहान ! जागो-जागो, गा जवान ! जागो-जागो, गा किसान ! जागो, जम्मो हिन्दुस्तान ! अजादी संगी ! रखैल होगे, ठाट-बाट अउ पोट के अंधरा कानून कोंदा-भैरा, पग-पग म खसोट हे ईमान के इनाम लंगोटी, बईमान बिछौना नोट हे देस-राज बर सहीद होगे, होगे जे बलिदान दाना-दाना बर तरस जथे, fतंकर लइका अउ सियान ! जागो-जागो, …. देंवता कस मान पावथे, खादी म हुंर्रा-गिधवा सुवारथ के सरकार ए, चोर-लुटेरा मितवा जोगनी लुटइया…

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बस्तर

हमर हरियर-हरियर बस्तर आज लाल होवथे गरीब ल मुरकेटे बर बड़हर मन के चाल होवथे दंतेसवरी दाई! सुवारथ के सेवइया मन के सर्वनास कर गोली खा-खाके बस्तरिहा चमगेदड़ी के खाल होवथे ताकत अउ सियासत जंगल के धुर्रा बिगाड़ दिस जंगल के दुलौरिन ल सहरिया हुंर्रा बिगाड़ दिस करेजा फाटगे, फेर दाई के ऑंखी म ऑंसू के दुकाल होवथे हमर हरियर-हरियर बस्तर आज लाल होवथे बस्तर के बिकास बर, बजट के टुकना धरे सरकार हे आने ह कहिथे, ये तो ऊंट के मुंह म जीरा ए, अउ दरकार हे बस्तर के…

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