Mahendra Dewangan Mati

देवारी के दीया

चल संगी देवारी में, जुर मिल दीया जलाबो। अंधियारी ल दूर भगाके, जीवन में अंजोर लाबो।। कतको भटकत अंधियारी मे,… Read More

6 years ago

धान – पान

हरियर हरियर खेतहार हे , धान ह लहलहावत हे । सुघ्घर बाली निकले हाबे । सब झन माथ नवावत हे… Read More

6 years ago

बेटी : रोला छन्द

बेटी हावय मोर, जगत मा अब्बड़ प्यारी। करथे बूता काम, सबो के हवय दुलारी। कहिथे मोला रोज, पुलिस बन सेवा… Read More

6 years ago

अक्षर दीया जलाबोन

अक्षर दीया जलाबोन संगी, निरक्षरता के अंधियार मिटाबोन । ज्ञान के मशाल ल धरके , गाँव गली तक जाबोन ।… Read More

6 years ago

दाई के पीरा

बड़े बिहनिया सुत उठ के, लीपय अँगना दाई । खोर गली ला बाहरत हावय , ओकर हे करलाई । आये… Read More

6 years ago

राखी के तिहार

सावन के पावन महीना में, आइस राखी तिहार । राखी के बंधन में हावय , भाई बहन के प्यार ।… Read More

6 years ago

शिव भोला ल मनाबोन

चल संगी भोला ल मनाबोन , बेलपान अऊ नरियर भेला ल चढाबोन । चल संगी भोला ल मनाबोन । नदियाँ… Read More

6 years ago

सावन में शिव ला मनाबोन

सावन महिना में शिव , सावन अऊ सोमवार के विशेष महत्व हे। एकरे पाय छोटे से लेकर बडे़ तक सावन… Read More

6 years ago

बरसा के दिन

टरर टरर मेचका गाके, बादर ल बलावत हे। घटा घनघोर छावत, बरसा के दिन आवत हे। तरबर तरबर चांटी रेंगत,… Read More

6 years ago

नशा : कविता

नशा - नाश के जड़ होथे एला तेहा जान। पइसा - इज्जत दूनो होथे जगा - जगा अपमान।। जेहा पीथे… Read More

6 years ago