Mahendra Dewangan Mati

बरस जा बादर, किसानी के दिन अउ योग करो

बरस जा बादर बरस जा बादर, गिर जा पानी, देखत हावन। तरसत हावन, तोर दरस बर, कहाँ जावन। आथे बादर,… Read More

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काँदा कस उसनात हे

कभू घाम कभू पानी, भुँइया हा दंदियात हे । जेठ के महिना में आदमी, काँदा कस उसनात हे। दिनमान घाम… Read More

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आज काल के लइका : दोहा

पढ़ना लिखना छोड़ के, खेलत हे दिन रात । मोबाइल ला खोल के, करथे दिन भर बात ।। आजकाल के… Read More

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ढोंगी बाबा

गाँव शहर मा घूमत हावय , कतको बाबा जोगी । कइसे जानबे तँहीं बता, कोन सहीं कोन ढोंगी ? बड़े… Read More

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आमा के चटनी

आमा के चटनी ह अब्बड़ मिठाथे, दू कंऊरा भात ह जादा खवाथे । कांचा कांचा आमा ल लोढहा म कुचरथे,… Read More

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अकती के तिहार

छत्तीसगढ़ में अकती या अक्छय तृतीया तिहार के बहुत महत्व हे । ये दिन ल बहुत ही सुभ दिन माने… Read More

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लेख : बंटवारा

बुधारु अऊ समारु दूनों भाई के प्रेम ह गांव भर में जग जाहिर राहे ।दूनों कोई एके संघरा खेत जाय… Read More

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वाह रे कलिन्दर

वाह रे कलिन्दर, लाल लाल दिखथे अंदर। बखरी मा फरे रहिथे, खाथे अब्बड़ बंदर। गरमी के दिन में, सबला बने… Read More

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तिंवरा भाजी

तिंवरा भाजी दार संग , अब्बड़ मिठाथे । दू कंऊरा भात ह संगी, जादा खवाथे । उल्हा उल्हा भाजी ह,… Read More

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दोहा : गरमी अऊ पानी

गरमी आवत देख के, तोता बोले बात। पाना नइहे पेड़ मा, कइसे कटही रात।। झरगे हावय फूल फर, कइसे भरबो… Read More

6 years ago