Mukund Kaushal

छत्तीसगढ़ी के मानकीकरन अउ एकरूपता : मुकुन्द कौशल

बिलासा कला मंच कतीले सन् दू हजार एक म छपे, डॉ पालेश्वरशर्मा के लिखे छत्तीसगढ़ी शब्दकोश के भूमिका म छत्तीसगढ़ी… Read More

11 years ago

मुकुन्‍द कौशल के छत्‍तीसगढ़ी गज़ल

चुनई के हांका परगे भईया बेरा हे तय्यारी के। अटक मटक के नाचै बेंदरा देखौ खेल मदारी के ।। गॉंव… Read More

13 years ago

धर ले कुदारी

धर ले रे कुदारी गा किसानआज डिपरा ला रखन के डबरा पाट देबो रे ।ऊंच-नीच के भेद ला मिटाएच्च बर… Read More

13 years ago

मोर सोनहा बिहान

किरन - किरन के चरन पखारनआरती उतारन, रे मोर सोनहा बिहान,बगराये अँजोर, छत्तीसगढ़ मां ।मोर बिहनिया तोला अगोरत, सइघो रात… Read More

15 years ago

भारत के बाग

महर-महर महकत हे, भारत के बाग ।भुँइया महतारी के अमर हे सुहाग ।।ममहाती पुरवहिया, झूमय लहरावयडारा-डारा, पाना-पाना, मगन सरसरावयपंड़की-परेवना मन,… Read More

15 years ago

जिनगी के रद्दा

जिनगी के रद्दा अड़बड़ लम्भा दू ठिन हमरे चरनगोड़ ला कहाँ-कहाँ हमन धरनचले पुरवहिया सनन सनन् ।बिजहा रे डारेन नाँगर… Read More

15 years ago

कइसे बचाबो परान

ठगुवा कस पानी ह ठगत हे, मूड़ धरे बइठे किसानये बिधाता गा मोर कइसे ब चाबो परान ।एक बछर नाँगर… Read More

15 years ago

मोर भाखा

मोर भाखा सँग दया मया के सुग्घर हवै मिलाप रे ।अइसन छत्तीसगढ़िया भाखा, कऊनो सँग झन नाप रे ।। येमा… Read More

15 years ago

तैं ह आ जाबे मैना

तैं ह आ जाबे मैनाउड़त उड़त तैंह आ जाबे । मैंह कइसे आवौं ना, मैंह कइसे आवौना,बिन पाँरवी मोर सुवना… Read More

15 years ago

धर ले कुदारी गा किसान : सोनहा बिहान के गीत

धर ले रे कुदारी गा किसानआज डिपरा ला रखन के डबरा पाट देबो रे । ऊंच-नीच के भेद ला मिटाएच्च… Read More

15 years ago