छत्तीसगढ़ी-मेला के रंग-ढंग बदलगे, नवा रूप-रंग के कुम्भ-मेला इस्थापित होगे -नंदकिसोर सुकुल खेलत-खात, हांसत-रोवत, पुदका-पुदकी करत चउदा बछर बीत गे नवा राज ‘छत्तीसगढ़’ बने। फेर, आजो तक ले छत्तीसगढ़ के ‘चिन्हारी’ इस्थापित नइ हो सके हे। छिदरे-बिदिर हे। आखिर ओकर चिन्हारी का हे? का हे ओकर चेहरा? चेहरेच्च ले तो काखरो चिन्हारी होंथे न। चारों कोती अइसे चरचा चलाए गे हे जानो-मानो एखर कोनो चेहरेच्च नइ हे। चेहरा-बिहीन, जेला अंगरेजी थंबमसमेेस कइथें। तव का छत्तीसगढ़ के कोनो चिन्हारीच्च नइये? त, जऊंनमन छत्तीसगढ़ ऊपर सासन करत हें, जऊंनमन छत्तीसगढ़ के सोसन…
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- Nand Kishor Shukla