Nemichand Hirwani

मंहू पढ़े बर जाहूं : कबिता

ये ददा गा, ये दाई वो, महूं पढ़े बर जाहूं।पढ़-लिख के हुसियार बनहूं, तूंहर मान बढ़ाहूं॥भाई मन ला स्कूल जावत… Read More

14 years ago

चौमास : कबिता

जब करिया बादर बरसे, सब तन मन ह हरषे।चम-चम बिजुरी ह चमके, घड़-घड़ बदरा ह गरजे॥तब आये संगी चौमास रे...1.… Read More

14 years ago

भगत के बस म भगवान – लोककथा

गजब दिन के बात आय। महानदी, पैरी अऊ सोंढूर के सुघ्घर संगम के तीर म एक ठन नानकुन गांव रिहिस… Read More

14 years ago