कैसे करन तोर बापू बडा़ई : दाऊ निरंजनलाल गुप्ता के गीत

ज्ञान गजब भरे हे तोर मन में बिजली असन तेजी हे तोर मन में अव्वल किसनहा, असन रुप बनाये लंदन में, राजा से, हाथ मिलाये धन तोर गाँधी बबा चतुराई कैसे करन तोर बापू बडा़ई गजबे करे हावस हमर भलाई। तकली अऊ चरखा सबो ला धराये कपडा विदेशी के रोग हटाये नीचा-ला-ऊँचा तै आसन देवाये हमला तैं मनखे बने ला सिखाये तैं हर-हटाये हमर मन के काई ई कैसे करन तोर बापू बड़ाई गजबे करे हावस हमर भलाई। देश पराधीन तोला नै भावे चित्त-हा-तोर चैन-नहीं पावे देश स्वतंत्र बनाये के…

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