हमर देश के किसान , तुमन हबो अड़बड़ महान। तोर बिना ये देश ह , तोर बिना ये दुनिया ह , हो जाही गा बिरान । हमर देश के किसान , तुमन हबो अड़बड़ महान । घाम ल सहिथव , पियास ल सहिथव , अउ सहिथव जाड़ ल। कभु फसल ल ले जाथे सुख्खा ह , कभु ले जाथे बाढ़ ह। तभो नइ होवव जी निराश । हमर देश के किसान , तुमन हबो अड़बड़ महान । तोर नांगर के नास म , ये दुनिया के बिकास हे , तोर…
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कुण्डलियाँ
नंदावत चीला फरा,अउ नंदाय जांता । झांपी चरिहा झउहा,नंदावत हे बांगा। नंदावत हे बांगा,पानी कामे भरबो। जांता बीना हमन,दार कामे दरबो कहत “नुकीला” राम,नवा जबाना हे आवत। गाड़ा दौरी नांगर,सब जावत हे नंदावत। आगी छेना बारि के,सब झन जाड़ बुताय। गोरसी आगु बैठि के,लफ लफर गोठियाय। लफ लफर गोठियाय,काम करे न धाम करे। चारी चुगली करत,जिनगी ल अंधियार करे। कहत “नुकीला” राम, सुनव रे म मोरे रागी। गिस मांगे ल आगी, अउ लगादिस घर आगी। नोख सिंह चंद्राकर “नुकीला” पता :- गाँव – लोहारसी पोष्ट – तर्रा तह.-पाटन जिला –…
Read Moreचांटी मन के कविता
आज मोला एक ठन कविता लिखे के मन करत हे। फेर काकर उपर लिखअव ,कइसे लिखअव बड़ असमंजस में हव जी… मोर मन ह असमंजस में हे, बड़ छटपठात हे ।तभे चांटी मन के नाहावन ल देख परेव अउ कविता ह मन ले बाहिर आइस। चांटी मन माटी डोहारत हे भाई… जीव ले जांगर उठावट हे भाई… महिनत करे ल सिखावत हे भाई… हमन छोटे से परानी हरन, तभो ले हमन थिरावन नहीं आज के काम ल, काली बर हमन घुचावन नहीं। महिनत करना हमर करम हे, फल देवाइया ऊपर…
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