Nutan Prasad

गरीबा महाकाव्य (दसवां पांत : राहेर पांत)

जब समाज मं शांति हा बसथय शांति पात जिनगानी। दुख शत्रुता अभाव भगाथय उन्नति पावत प्रानी।। मारपीट झगरा दंगा ले… Read More

11 years ago

गरीबा : महाकाव्य (नउवां पांत : गंहुवारी पांत) – नूतन प्रसाद शर्मा

शोषण अत्याचार हा करथय हाहाकार तबाही। तब समाज ला सुख बांटे बर बजथय क्रांति के बाजा।। करंव प्रार्थना क्रांति के… Read More

11 years ago

गरीबा महाकाव्य (अठवइया पांत : अरसी पांत)

जग मं जतका मनसे प्राणी सब ला चहिये खाना । अन्न हवय तब जीयत जीवन बिना अन्न सब सूना ।।… Read More

11 years ago

गरीबा महाकाव्य (सतवया पांत : चनवारी पांत)

गांव शहर तुम एका रहिहव राष्ट्र के ताकत दूना । ओकर ऊपर आंच आय नइ शत्रु नाक मं चूना ।।… Read More

11 years ago

गरीबा महाकाव्य (पंचवईया पांत : बंगाला पांत)

पाठक - आलोचक ले मंय हा नमन करत मृदुबानी । छिंहीबिंही खंड़री निछथंय पर सच मं पीयत मानी ।। एमन… Read More

11 years ago

गरीबा महाकाव्य (छठवया पांत : तिली पांत)

६. तिल्ली पांत वंदना अपन तरी मं रखत अंधेरा - दूसर जगह उजाला । अपन बिपत ला लुका के रखथय… Read More

11 years ago

गरीबा महाकाव्य (चौंथा पांत : लाखड़ी पांत)

धरती माता सबके माता-सब ले बढ़ के गाथा । मोर कुजानिक ला माफी कर मंय टेकत हंव माथा।। अन्न खनिज… Read More

11 years ago

गरीबा : महाकाव्य – तीसर पांत : कोदो पांत

छत्तीसगढ़ी गरीबा महाकाव्य रचइता – नूतन प्रसाद प्रथम संस्करण – 1996 मूल्य – पांच सौ रुपये स्वत्व – सुरेश सर्वेद… Read More

11 years ago

गरीबा : महाकाव्य – दूसर पात : धनहा पांत

छत्तीसगढ़ी गरीबा महाकाव्य रचइता - नूतन प्रसाद प्रथम संस्करण - 1996 मूल्य - पांच सौ रुपये स्वत्व - सुरेश सर्वेद… Read More

11 years ago

गरीबा : महाकाव्य (पहिली पांत : चरोटा पांत)

साथियों, भंडारपुर निवासी श्री नूतन प्रसाद शर्मा द्वारा लिखित व प्रकाशित छत्‍तीसगढ़ी महाकाव्‍य “ गरीबा” का प्रथम पांत “चरोटा पांत”… Read More

11 years ago