बसंत पंचमी अउ ओखर महिमा

बसंत पंचमी हमर हिंदूमन के तिहार म ले एक बिसेस तिहार हे। ये दिन गियान के देबी दाई माता सरस्वती के आराधाना करे जाथे। भारत अउ नेपाल जेहा पहिली हिंदू देस रहसि, म बछर भर ल छै भाग म बांटे गे हे। येमा बसंत रितु सबसे सुखद रितु हे। जब परकिरिती म सबो कती नवसिरिजन अउ उल्लास के वातावरण होथे। खेत म सोना के रूप म सरसों के फूल चमके लगते। गेंहूॅं अउ जौ म बाली आ जाथे। आमा के रूख म बउर लग जाथे अउ उपर ले कोेयली के…

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छत्तीसगढ़ म दान के महा परब छेरछेरा

ये संसार म भुइंया के भगवान के पूजा अगर होथे त वो देस हाबय भारत। जहां भुइंया ल महतारी अऊ किसान ल ओखर लईका कहे जाथे। ये संसार म अन्न के पूरती करईया अन्नदाता किसान हे। हमर छत्तीसगढ़ ल धान के कटोरा कहे जाथे। हमर सभियता, संसकिरीति म तिहार के बड़ महत्तम हाबय। हमर सभियता अऊ संसकिरीति म ये तिहार मन रचे बसे हावय। ये तिहार म दान के परब छेरछेरा घलो हावय। हमर ये छेरछेरा तिहार पुस पुन्नी के दिन मनाये जाथे। फसल ल खेत-खार ले डोहार के कोठार…

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भुइंया के भगवान बर एक अऊ भागीरथ चाही

ये संसार म भुइंया के भगवान के पूजा अगर होथे त वो देस हाबय भारत। जहां भुइंया ल महतारी अऊ किसान ल ओखर लईका कहे जाथे। ये संसार म अन्न के पूरती करईया अन्नदाता किसान हे। हमन इहां उत्तम खेती,मध्यम बान(व्यापार),निकृष्ट चाकरी अऊ भीख निदान म बिसवास करईया मनखे अन। हमर सभ्यता संसकिरती म ’’अन्नदाता सुखी भवः’’ के अवधारणा पर बसे हावय। अन्नदाता याने अन्न उपजईया किसान के खातिर अभार प्रगट करेके हमर परमपरा सनातन काल ले चले आवथ हे। हमर छत्तीसगढ़ के किसान ह हरेली,भोजली,पोरा,छेरछेरा म अपन जो खुसी…

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सरद पुन्नी अऊ कातिक महिना के महत्तम

हमर देस राज म हमर संसकिरीति सभियता रचे बसे हावय। हर परब के बिसेस महत्तम हावय। येमा एक परब सरद पुन्नी हे। कुंआर महिना के पुन्नी ल सरद पुन्नी के नाव ले जाने जाथे। हमर हिन्दू धरम म पंचांग के अनुसार वैसे तो हर महिना के बिसेस होथे। अइसने रितु हे सरद। गोस्वामी तुलसीदास जी अपन रामचरितमानस म भगवान राम अऊ भैया लछमन के बीच संवाद जो कि किसकिंधा कांड म सरद रितु के बरनन अऊ महत्तम के बारे म लिखे हावय। जे रितु के राम भगवान ह अपन मुख…

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हमर छत्तीसगढ़ राज म आनी-बानी के तिहार हे

हमर छत्तीसगढ़ राज म आनी-बानी के तिहार हे, जेखर से हमर देस राज के पहिचान हे। इहां हरेली के हरियर लुगरा छत्तीसगढ़ महतारी के सान हे, भोजली अवईया बने फसल के चिन्हारी हे, खमरछट म दाई के अपन लईका के परती ममता, त्याग हे तीजा ले महतारी मन के मान हे, पोरा म पसुधन के सम्मान हे, हमर छत्तीसगढ़ म आनी-बानी के तिहार हे, जेखर से हमर देस राज के पहिचान हे। दूबराज, बिसनुभोग अन्न्पूरना दाई के सुघ्घर मम्हई हे, करमा, सुआ, राऊत नाचा हमनके अभिमान हे, बांस गीत, पण्डवानी,…

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परकिती के परती आत्मियता के तिहार ये हरेली

कोनो भी देस-राज के पहिचान ओखर सभियता अऊ संसकिरिती से होथे। हमर भारत देस ह आनी-बानी के सभियता अऊ संसकिरिती के देस हाबय। इहा जम्मू कसमीर से ले के कनियाकुमारी तक अऊ अरूनाचल परदेस से ले के गुजरात तक आनी-बानी के सभियता अऊ संसकिरिती ल मानने वाला म रईथे। हमर भारत देस ह किरसी परधान देस ये अऊ किसान देस के अरथबेवस्था के रीढ़ ये। भारत के हर राज म किसान मन ऊंहा के परंपरा अऊ संसकिरिती म फसल के बोआई से ले के मिसाई तक तिहार के रूप म…

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दान के महा परब छेरछेरा

ये संसार म भुइंया के भगवान के पूजा अगर होथे त वो देस हाबय भारत। जहां भुइंया ल महतारी अऊ किसान ल ओखर लईका कहे जाथे। ये संसार म अन्न के पूरती करईया अन्नदाता किसान हे। हमर छत्तीसगढ़ ल धान के कटोरा कहे जाथे। हमर सभ्यता, संसकिरीति म तिहार के बड़ महत्तम हाबय। हमर सभ्यता अऊ संसकिरीति म ये तिहार मन रचे बसे हावय। ये तिहार म दान के परब छेरछेरा घलो हावय। हमर ये छेरछेरा तिहार पुस पुन्नी के दिन मनाये जाथे। फसल ल खेत-खार ले डोहार के कोठार…

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पीतर पाख

हमर हिंदू धरम के अनुसार जेखर जनम होय हाबय ओखर मरना निसचित हाबय। अपन परिवारदार के सरगवासी होय के बाद पितर मिलाथन। भादो के उजियारी पाख पुन्नी से लेके असवीन मास के अमावस तक हमन अपन पितर देवता मन के पूजा-अरचना करथन। ’’श्रद्धा इदं श्राद्धम्’’ मतलब जो श्रद्धा से किये जाथे, वोला सराध कइथे। पितर पाख म हमिंहंदूमन मन, करम, अऊ बानी से संयम के जीवन जीथन। पितर देवता के स्मरन करके वोमन ल जल चढ़ाथन। अऊ जरूरतमंद ल यथासक्ति दान भी देथन। पितर पाख म अपन सरगवासी दाइ-ददा के…

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