Priya Dewangan

बसंत ऋतु

आगे बसंत ऋतु ह संगी , सबके मन ह डोलत हे। पेड़ में बइठे कोयल ह, कुहु कुहु कहिके बोलत… Read More

3 years ago

तीजा पोरा

तीजा पोरा के दिन ह आगे , सबो बहिनी सकलावत हे। भीतरी में खुसर के संगी , ठेठरी खुरमी बनावत… Read More

5 years ago

सावन के झूला

सावन के झूला झूले मा , अब्बड़ मजा आवत हे। सबो संगवारी मिलके जी ,सावन के गीत गावत हे।। हंसी… Read More

5 years ago

सेल्फी के चक्कर

सेल्फी ले के चक्कर में , दूध जलगे भगोना में। सास हा खोजत हे अब्बड़, बहू लुकाय कोना में ।… Read More

5 years ago

गरमी के दिन आगे

गरमी के दिन आगे संगी , मचगे हाहाकार । तरिया नदियाँ सबो सुखागे , टुटगे पानी धार ।। चिरई चिरगुन… Read More

5 years ago

आमा खाव मजा पाव

गरमी के मौसम आते साठ सब झन ला आमा के सुरता आथे।लइका मन ह सरी मंझनिया आमा टोरे ला जाथे… Read More

5 years ago

पुतरी पुतरा के बिहाव

पुतरी पुतरा के बिहाव होवत हे, आशीष दे बर आहू जी। भेजत हाँवव नेवता सब ला, लाड़ू खा के जाहू… Read More

5 years ago

कलिंदर

बारी में फरे हाबे सुघ्घर, लाल लाल कलिन्दर। बबा ह रखवारी करत, खात हावय जी बंदर।। लाल लाल दिखत हे,… Read More

5 years ago

मैगी के जमाना

जब ले आहे मैगी संगी, कुछु नइ सुहावत हे। भात बासी ला छोड़ के, मैगी ला सब खावत हे।। दू… Read More

5 years ago

गरमी के भाजी

गुरतुर हे इहां के भाजी ह , बड़ सुघ्घर हे लागय। अम्मट लागथे अमारी हा, सोनू खा के भागय।। किसम… Read More

5 years ago