Pyare Lal Gupt

तैं कहाँ चले संगवारी

तैं कहाँ चले संगवारी मोर कुरिया के उजियारी तैं कहाँ चले संगवारी॥ चाँद सुरज ला सखी धर के, भाँवर सात… Read More

7 years ago

साहित्यिक पुरखा के सुरता : प्यारेलाल गुप्त

झिलमिल दिया बुता देहा गोई, पुछहीं इन हाल मोर तौ, धीरे ले मुस्क देहा। औ आँखिन आँखिन म उनला, तूं… Read More

8 years ago